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FIFA World Cup : ये हैं फीफा विश्व कप के बेस्ट गोलकीपर, इनकी गलती पड़ेगी भारी

नेशनल कंटेंट सेल 14 जून से रूस में खेले जानेवाले 21वें विश्व कप फुटबॉल में गोलकीपर की भूमिका सबसे अहम होगी. इनकी चपलता ही टीम को जीत दिलायेगी, तो एक गलती टीम के सपनों को तोड़ सकती है. इस बार जर्मनी, ब्राजील, स्पेन, पुर्तगाल, उरुग्वे, फ्रांस की टीमें दावेदार के रूप में ग्राउंड पर उतर […]

नेशनल कंटेंट सेल

14 जून से रूस में खेले जानेवाले 21वें विश्व कप फुटबॉल में गोलकीपर की भूमिका सबसे अहम होगी. इनकी चपलता ही टीम को जीत दिलायेगी, तो एक गलती टीम के सपनों को तोड़ सकती है. इस बार जर्मनी, ब्राजील, स्पेन, पुर्तगाल, उरुग्वे, फ्रांस की टीमें दावेदार के रूप में ग्राउंड पर उतर रही हैं, तो गोलकीपरों की भूमिका अहम होने जा रही है.

डेविड डे गिया, स्पेन

स्पेन की टीम ने 2010 में विश्व खिताब जीता था. इस बार भी खिताब जीतने के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरेगी. इसमें गोलकीपर डेविड डे गिया का सबसे बड़ा योगदान रहेगा. स्पेन के इस गोलकीपर ने मैनचेस्टर यूनाइटेड की ओर से शानदार प्रदर्शन किया है और विरोधियों को इस बार मुश्किल में डालनेवाला है. इनकी प्रतिभा का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि इन्होंने तीन मैट बस्बी और चार पीएफए गोलकीपर खिताब जीता है.

एडरसन मोराएसे, ब्राजील

रूस में होनेवाले विश्व कप के दौरान ब्राजील के इस गोलकीपर पर टीम को सबसे अधिक भरोसा है. इनके पास अनुभव है, तो गोल रोकने की कला भी. धरती के बेस्ट गोलकीपरों में इनकी तुलना होती है. ब्राजील के एंडरसन मोराएस ने मैनचेस्टर सिटी के लिए इस सत्र में बेहतर प्रदर्शन किया. दो दर्जन से अधिक गोल रोके हैं और यूएफा चैंपियंस लीग ब्रेकथ्रू इलेवन में चुने गये. इस बार गोल्डेन ग्लब्स के बड़े दावेदार माने जा रहा है.

ह्यूगो लॉरिस (फ्रांस)

2017-18 सत्र में फ्रांस के इस गोलकीपर ने शानदार खेल दिखाया है. फ्रांस ने पिछले दो दशक से खिताब नहीं जीता है, तो ह्यूगो लॉरिस की इस बार भूमिका अहम होनेवाली है. टीम के सीनियर खिलाड़ी हैं, तो इस बार कप्तानी की भी भूमिका मिली है. टॉटेनहम हॉटस्पुर एफसी की ओर से खेलनेवाले लॉरिस के पास विश्व कप खेलने का अच्छा अनुभव है.

थिबोट कोर्टोइसे, बेल्जियम

बेल्जियम की ओर से पिछले छह-साथ वर्षों से जुड़े थिबोट कोर्टोइसे भी रूस में होनेवाले विश्व कप के दौरान बेस्ट गोलकीपर है. 2014 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया था. चेल्सी के नंबर एक खिलाड़ी थिबोट कोर्टोइस ने शानदार प्रदर्शन किया है. बेल्जियम को उम्मीद है कि उनके साथ रहते हुए पहली बार विश्व कप जीतने का सपना पूरा हो सकता है.

रुई पैट्रिसियो (पुर्तगाल)

यूरो कप फुटबॉल के दौरान अपनी टीम को खिताब दिलानेवाले रुई पैट्रिसियो इस बार गोल्डेन ग्लब्स के बड़े दावेदार होंगे. रूस में होनेवाले विश्व कप में रुई पैट्रिसियो पर पुर्तगाल को बहुत भरोसा है. पुर्तगाल को टूर्नामेंट में पसंदीदा स्पेन की विशेषता वाले समूह में रखा गया है और इस 30 वर्षीय फुटबॉलर को स्पेन के आक्रमण को बेकार करने के लिए सतर्क रहना होगा. यूरोपीय कप विजेता इस विश्व कप में अपनी महाद्वीपीय सफलता को दोहराने को तैयार है, तो रुई की भूमिका अहम होने जा रही है, पुर्तगाल की तरफ 68 मैच खेल चुके पैट्रिसियो के पास अनुभव है और बड़ा रोल निभाने को तैयार है.

जॉर्डन पिकफोर्ड, इंग्लैंड

इंग्लैंड के गोलकीपर जो हार्ट का प्रीमियर लीग का यह सत्र अच्छा नहीं रहा था, जिसके बाद 24 वर्षीय जॉर्डन पिकफोर्ड इंग्लैंड की पहली पसंद बने. सदरलैंड की ओर से खेलते हुए पिछले साल पिकफोर्ड का प्रदर्शन शानदार रहा, जिसका नतीजा यह रहा कि नीलामी में उनकी जबरदस्त मांग रही और एवर्टन ने उन्हें रिकॉर्ड दो अरब 40 करोड़ रुपये में खरीदा.

फर्नांडो मुस्लेरा (उरुग्वे)

उरुग्वे ऐतिहासिक टीम में से एक टीम है, जिसके पास ताकतवर स्ट्राइकर और मजबूत डिफेंडर हैं. इसमें गोलकीपर फर्नांडो मुस्लेरा की प्रतिभा चार चांद लगा रही है. फर्नांडो मुस्लेरा 2009 से उरुग्वे टीम के साथ जुड़े हैं और अब तक 96 मैच खेल चुके हैं. 2010 में विश्वकप के बाद से मुस्लेरा टीम के हमेशा भरोसेमंद खिलाड़ी रहे हैं और इस बार इनकी भूमिका अहम होने जा रही है.

मैनुएल पीटर नियुर व मार्क आंद्रे टेर स्टेगन (जर्मनी)
जर्मनी के कप्तान और गोलकीपर मैनुएल पीटर नियुर हालांकि चोट और खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं, लेकिन अनुभव को देखते हुए इस बार टीम को इन पर भरोसा होगा. हालांकि जर्मनी के पास विकल्प के तौर पर बार्सिलोना के स्टार गोलकीपर मार्क आंद्रे टेर स्टेगन हैं, जो कठिन मौके पर टीम का साथ देंगे. टेर स्टेगन अच्छे फॉर्म में हैं. उन्होंने मात्र 29 ला लीगा मुकाबलों में 18 गोल रोके हैं. अपनी काबिलियत, अच्छे शॉट को रोकने की कुशलता ने उन्हें ला लीगा सत्र में एक अहम खिलाड़ी बनाया. 2012 बुंदेसलीगा में गोलकीपर ऑफ द ईयर बने थे. हालांकि नियुर आठ महीनों के बाद टीम में लौटे हैं और अभ्यास मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है.

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