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जामताड़ा में कृषि मंत्री रणधीर सिंह बोले : अपने विभाग में दबंगई चलाते हैं, हड़का कर रखते हैं IAS को
आनंद मोहन रांची : चार जून काे जामताड़ा की एक इफ्तार पार्टी में कृषि मंत्री रणधीर सिंह, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी जुटे थे़ लोगों की भीड़ भी जमा थी़ पक्ष-विपक्ष के नेताओें के बीच सरकार के कामकाज की चर्चा हो रही थी़ अफसरों के काम पर बतकही चल रही थी़ […]
आनंद मोहन
रांची : चार जून काे जामताड़ा की एक इफ्तार पार्टी में कृषि मंत्री रणधीर सिंह, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी जुटे थे़ लोगों की भीड़ भी जमा थी़ पक्ष-विपक्ष के नेताओें के बीच सरकार के कामकाज की चर्चा हो रही थी़ अफसरों के काम पर बतकही चल रही थी़
मंत्री के सामने विपक्ष के विधायक और नेता सरकार के कामकाज की छीछालेदर कर रहे थे़ हंसी-ठिठोली हो रही थी़ मौजूद भीड़ भी मजा ले रही थी़ बातचीत बढ़ी, तो विधायक इरफान अंसारी ने मंत्री श्री सिंह से पूछा : राय तो ले मंत्री जी लोग से, इनलोग का भी राय नहीं लेता है, क्या जी़ इस पर मंत्री ने कहा : हमलोग तो अपना विभाग में किसी का चलने नहीं देते है़ं
हमलोग अपना विभाग में दबंगई चलाते है़ं और हमारे हिसाब से सारे आइएएस को हड़का कर रखते है़ं मंत्री ने एक आइएएस का नाम लेते हुए कहते हैं : बाप-बाप करा दिये थे़ पकड़ कर लाये, पानी उतार दिये थे ना़ ई नहीं रहता, तो पानी उतार दिये थे़
मंत्री के सामने पूर्व सांसद फुरकान अंसारी यह भी बताते हैं कि कैसे उस इलाके का एक मार्केटिंग अफसर सिल्ली और गोमिया की जीत के जश्न में दारू पी कर मस्त था़ इन नेताओं के बीच बातचीत के पूरे चार मिनट 24 सेकेंड का वीडियो प्रभात खबर के पास है़
बातचीत के प्रमुख अंश (अमर्यादित बातें हटा दी गयी है़ं )
मंत्री : इनका बोली मुंह से निकल गया़
फुरकान : बोले हैं, तो बोले है़ं थोड़े ना छोड़ देंगे उसको़ जून में बीडीओ का ट्रांसफर होता है, उ थोड़े ना रूकेगा़
फुरकान : यहां पर सीओ था एगो, बहुत अच्छा आदमी था़ उसी को हम बीडीओ ला रहे है़ं
भीड़ से आवाज : शशिभूषण सिंह , नहीं राकेश भूषण
फिर भीड़ से आवाज : राकेश भूषण तो बहुत अच्छा आदमी था़ खानदानी आदमी था़
फुरकान : खनदानी आदमी है, तो
भीड़ से : हमलोग का प्रभाकर मिर्घा, आंख मूंद कर काम कर देता है़ बेचारा़
इरफान : सुनिये, हम थे. मंत्री जी थे़ कल एमडी साहब आये थे़ एसडीओ, एडीसी था़ मंत्री विभाग का हैं वहां, डीसी को आना चाहिए था़ एसडीओ था़ हमको देखा़
मंत्री : गेट पर प्रणाम कर भाग गया़
इरफान : ऐतना पदाधिकारी का मन बढ़ गया़ डीसी को आना चाहिए था, कट्सी होता है़ इतना पदाधिकारी का मनोबन बढ़ गया है , इस तरह से अपमान किजिएगा, बरदाशत तो नहीं करेंगे़ हम तो जा रहे हैं मुख्यमंत्री से मिलने़
फुरकान : मेरी बात सुनिये ना, अपमान की बात नहीं है़ इ बीजेपी के राज में अफसर का मन बहुत बढ़ा हुआ है़ बहुत बढ़ा हुआ़ एगो मामूली जमादार कह देगा, मेरे काम में बाधा किया है़ सा़… (अमर्यादित बातें हटा दी गयी है़ं ) एगो मामूली सा सीओ- बीडीओ काे तमीज नहीं है़ डीसी तो अलग चीज है़ ये तो रणधीर जी, मंत्री जी का अलग रुतबा है़
अब सुनिये… राज पलिवार एगो मंत्री है़ डीसी के घर पे गया, डीसी नहीं निकला घर से़ डीसी से मिलने गया और डीसी घर से नहीं निकला़ ये रुतबा है़ और हमलोग के समय गेट पर खड़ा रहता था डीसी और एसपी़ अफसर पर लगाम नहीं है़ रघुवर दास ने अफसरों को इतना बढ़ा दिया है़ थोड़े न चलेगा ये सरकार.
इरफान : परसों सुनिये क्या हुआ़ कल की बात है कि परसों की बात है़
भीड़ : परसों की़
इरफान : परसों… एमओ है़ हमारे घर में काफी लोग आया़ बोला कि राशन कार्ड में नाम काट दिया है़ हम भेज दिये एमओ के पास़ वहां से कह रहा था कि सर हमको भगा दिया़ हमने कहा : बात करो जी एमओ़ से हम जब फोन किये, कहता है हेलो (जोर से बोलते है़ं ) हम बोले एमओ साहब , हां, कौन बोल रहा है़ हम बोले : जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी़ कौन विधायक , हट कोई विधायक नहीं बोल रहा है़ बोलिए…? (अमर्यादित बातें हटा दी गयी है़ं )
भीड़ मेें हंसी-ठहाके, कोई बोलता है : दारु उरु पीया होगा़
इरफान : गुस्सा लगा हमको भी़ चलो रे गाड़ी निकालो (अमर्यादित बातें हटा दी गयी है़ं ) आफिस गये, तो देखते हैं, ऐसे सोया हुआ है़ अब हम क्या बोलें.
मंत्री : पीया हुआ था, क्या
फुरकान : हम जब जगाये, तो बोला, सर सिल्ली और गोमिया जीते हैं, उस खुशी में दारू पी लिये़ हरा दिये बीजेपी को इसलिए मस्त हैं.
(भीड़ में जोर के ठहाके़ )
फुरकान : हरा दिये बीजेपी को इसलिए मस्त है़ं किसी का बात नहीं सुनेंगे़ चचा-चचा प्रमाण़ कल हमसे बात कर लिजिएगा सर , हम कल बात कर लेंगे़ हम बोले…. ठीक है बेटा… पीओ औऱ पीओ.
इरफान : हमसे बोला… हम एमसीसी का आदमी है़ डर से सब भाग गया, (अमर्यादित बातें हटा दी गयी है़ं ) मीडिया भी भाग गया, सब मीडिया भाग गया़ कहने लगा… यहां मारे हैं वहां मारे है़ं
भीड़ : हालांकि पेपर में सब जगह आया़ मारने के लिए दौडा था़
मंत्री : मीडिया में आया था़ मीडिया में दिया था आज
भीड़ : आया था़
फुरकान : ऐसा है न कि सरकार का अधिकारियों पर दम नहीं है, कोई दम नहीं है़ रोकने का़ असल रघुवर दास अफसरों के कहने पर ही काम करता है़ अपना दिमाग लगाता ही नहीं है़
इरफान : राय तो ले मंत्री जी लोग से, इनलोग का भी राय नहीं लेता है, क्या जी
मंत्री : ना हमलोग तो अपना विभाग में किसी का चलने नहीं देते है़ं हमलोग अपना विभाग में अपना दबगंई चलाते है़ं और हमारे हिसाब से सारे आइएएस को हड़का कर रखते है़ं (एक आइएएस का नाम लेते हुए) बाप-बाप करा दिये थे़ पकड़ कर लाये पानी उतार दिये थे ना, ई नहीं रहता तो पानी उतार दिये थे़ अब क्या कहोगे , चचा बोल रहे हैं, तो नो कोमेंट़
(इसके बाद एक रिंग टोन पर गाना बजने लगता है)
कृषि मंत्री के सामने रघुवर सरकार को कोस रहे थे इरफान-फुरकान
हो रही थी सरकार के कामकाज की छीछालेदर, बतकही, हंसी ठिठोली
इरफान ने मंत्री से पूछा : राय तो लें मंत्री जी से, राय भी नहीं लेते क्या जी ?
मंत्री ने कहा : ना. हमलोग तो अपने विभाग में किसी का चलने नहीं देते, सबको बाप-बाप करा दिये हैं, पानी उतार देते है़ं
फुरकान ने कहा : बीजेपी के राज में अफसर का मन बढ़ा हुआ है, कोई लगाम नहीं है
मंत्री, विधायक, पूर्व सांसद के बीच हंसी-ठिठोली, हल्की बातें भी,
फुरकान ने बताया : सिल्ली और गोमिया की जीत के जश्न में एमओ दारू पी कर मस्त था़
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