बोस्टन:खून में मौजूद प्रतिरक्षा कोशिकाओं को चार प्रोटीन के साथ प्रयोगशाला में तीन सप्ताह में सीधे क्रियाशील तंत्रिकाओं में बदला जा सकता है.
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि इस बदलाव के क्रम में कोशिकाओं को पहले प्लूरीपोटेंसी में प्रवेश करने की जरूरत नहीं होती है और परिवर्तन की यह प्रक्रिया सीधे तौर पर होती है.
इस अनुसंधान का प्रकाशन ‘पीएनएएस’ जर्नल में किया गया है. नये अध्ययन में दावा किया गया है कि महज एक मिलीलीटर रक्त से 50 हजार क्रियाशील तंत्रिकाओं का निर्माण किया जा सकता है.
इस प्रक्रिया में ताजा, जमे हुए एवं संग्रहित रक्त के नमूनों से यह परिणाम प्राप्त किया जा सकता है. इससे सिजोफ्रेनिया और ऑटिज्म जैसे तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकारों के अध्ययन का मौका बढ़ जाता है.