मुजफ्फरपुर : इटली के मिलान शहर से प्रशिक्षण लेकर लौटे सोनपुर रेल मंडल के डीआरएम अतुल्य सिन्हा ने कहा कि जल्द ही भारतीय रेल भविष्य की नई चुनौतियों को आसानी से सामना करेगी. उन्होंने बताया कि इटली में गाड़ियों का लोड भारत के मुकाबले काफी कम है. वहां कोई भी गाड़ी तीन सौ किलोमीटर प्रति घंटा की कम स्पीड से नहीं चलती है. वहां रेलवे की आय का मुख्य स्त्रोत पैसेंजर गाड़ियां हैं. जबकि भारत में भारतीय रेल को मालगाड़ी से ज्यादा आय होती है.
यात्री सुविधाओं के मामले में भारत और इटली के रेल में कोई ज्यादा अंतर नहीं है. वहां के यात्रियों को ट्रेन आने के पहले प्लेटफार्म पर जाने की अनुमति नहीं होती. वहां आरक्षण चार्ट भी नहीं लगाये जाते है. आरक्षण का विवरण यात्रियों के मोबाइल अथवा लैपटॉप पर चला जाता है. उन्होंने मेंटेनेंस की तुलनात्मक विवेचना करते हुए बताया कि यहां रात्रि में गाड़ियां नहीं चलती. इस कारण लगभग छह घंटे मेंटेनेंस के लिए मिल जाते हैं. भारत में गाड़ियों का लोड अधिक है.
41 डीआरएम गये थे इटली. सोनपुर मंडल के डीआरएम समेत देश के 41 मंडल के डीआरएम ट्रेनिंग के लिए इटली गये थे. इटली के मिलान शहर में स्थित एसडीए बोकलीन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में ट्रेनिंग दिया गया. इसका सीधा लाभ रेल की प्रगति और आधुनिकीकरण में भी प्रशिक्षित मंडल रेल प्रबंधक के अनुभव से भारतीय रेल को मिलेगा.