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कल से पटना चिड़ियाघर में पूरी तरह से बंद हो जायेगा प्लास्टिक का प्रवेश

दर्शकों को स्टील का थर्मस या गिलास लेकर आना पड़ेगा पटना : मंगलवार से पटना जू में प्लास्टिक का प्रवेश पूरी तरह बंद हो जायेगा. अभी बाेतल को जू के गेट पर पांच रुपये का स्टीकर चिपका कर भीतर ले जाने की इजाजत है. पटना जू घूम कर बाहर निकलते समय गेट पर स्टीकर वापस […]

दर्शकों को स्टील का थर्मस या गिलास लेकर आना पड़ेगा
पटना : मंगलवार से पटना जू में प्लास्टिक का प्रवेश पूरी तरह बंद हो जायेगा. अभी बाेतल को जू के गेट पर पांच रुपये का स्टीकर चिपका कर भीतर ले जाने की इजाजत है. पटना जू घूम कर बाहर निकलते समय गेट पर स्टीकर वापस करने पर दर्शकों को पांच रुपया वापस दे दिया जाता है. लेकिन, पांच जून (पर्यावरण दिवस) से यह छूट भी बंद हो जायेगी.
मयूर रेस्टोरेंट में भी नहीं मिलेगी प्लास्टिक वाली पानी की बोतल : मयूर रेस्टोरेंट में भी प्लास्टिक वाली पानी की बोतलों की बिक्री पर रोक लग जायेगी. कोल्ड ड्रिक भी प्लास्टिक बोतलों में नहीं बल्कि केन में मिलेगा.
पटना जू में पॉलीथिन बैग और प्लास्टिक के अन्य वस्तुओं के प्रवेश पर तो दो वर्ष पहले से ही रोक लगी है. अब सख्ती की जायेगी. जू में आनेवाले दर्शकों को पानी पीने के लिए अपने साथ स्टील का थर्मस या गिलास लेकर आना पड़ेगा.
सोवोनियर शॉप में बिकेंगे बगास के कप : लोगों की सुविधा के लिए जू के सोवोनियर शॉप में बगास (गन्ने की सिट्टी) से बने पानी के ग्लास व कप प्लेट आदि की बिक्री भी शुरू होगी, ताकि जरूरत पड़ने पर दर्शक इन्हें खरीद कर इस्तेमाल कर सकें.
विदित हो कि स्टार्च से बने होने के कारण गर्म पानी में डालने पर इनके ग्लास तुरंत विघटित हो जाते हैं और ठंडे पानी के संपर्क में आने के तीन चार घंटे बाद विघटन शुरू होता है. ऐसे में प्लास्टिक का विकल्प होने के बावजूद भी ये नुकसानदेह नहीं होते हैं.
मिलन का होता रहा प्रयास, बिना गैंडा, हाथी व घड़ियाल देखे लौटे जू के दर्शक
पटना : रविवार को पटना जू में दर्शकों की भारी भीड़ इकट्ठी थी, लेकिन उन्हें गैंडा, हाथी और घड़ियाल को बिना देखे ही लौटना पड़ा. इसकी वजह गैंडा के इनक्लोजर की ओर जाने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग लगा कर दर्शकों को जाने से रोका जाना था.
उधर गैंडों के मिलन का प्रयास चल रहा था. विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ कि शनिवार शाम को जू के चिकित्सकों को जब लाली नामक मादा गैंडा के मिलन के लिए तैयार होने की जानकारी मिली तो फौरन निर्णय लिया गया कि मिलन के पूरा होने तक गैंडा के इनक्लोजर के आसपास लोगों के आवागमन को बंद कर दिया जाये क्योंकि ऐसा होने पर मिलन में बाधा होती है.
इसलिए शाम में इवनिंग और मॉर्निंग वाकरों को उधर जाने से रोकने के लिए लगाये गये बैरिकेड को रविवार की सुबह आठ बजे हटाया नहीं गया और वह दिनभर लगा ही रहा. इस दौरान लाली का नर गैंडा से मिलन का प्रयास चलता रहा और दर्शकों को उधर जाने से रोका जाता रहा. गैंडा के इनक्लोजर के बाद हाथी, घड़ियाल और मगर का इनक्लोजर है. लिहाजा दर्शक उन जानवरों को भी नहीं देख सके.
बंद हो गया पटना जू की झील में नौकायन
पटना. पटना जू के झील में पिछले पांच वर्षों से चल रहा नौकायन एक जून से बंद हो गया. पिछले महीने ही उसकी लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गयी थी. सेंट्रल जू ऑथोरिटी ने अब तक उसका नवीनीकरण नहीं किया है. इसकी वजह से जू प्रशासन को नौकायन बंद करना पड़ा. हालांकि जू प्रशासन की तरफ से लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया हुआ है, लेकिन जल्द मिलने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में नौकायन के लिए दर्शकों को इंतजार करना होगा.

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