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कोलकाता : भाजपा बनी सबसे मालदार पार्टी
वित्तीय वर्ष 2015-16 की तुलना में 2016-17 में भाजपा को करीब 593 प्रतिशत ज्यादा चंदा मिला कोलकाता : देश में सबसे ज्यादा सदस्य का तमगा लेने के बाद भाजपा अब सबसे ज्यादा चंदा बटोरनेवाली पार्टी में शुमार हो गयी है़ सबसे बड़ी बात यह है कि बीते वित्तीय वर्ष 2015-16 की तुलना में वित्तीय वर्ष […]
वित्तीय वर्ष 2015-16 की तुलना में 2016-17 में भाजपा को करीब 593 प्रतिशत ज्यादा चंदा मिला
कोलकाता : देश में सबसे ज्यादा सदस्य का तमगा लेने के बाद भाजपा अब सबसे ज्यादा चंदा बटोरनेवाली पार्टी में शुमार हो गयी है़ सबसे बड़ी बात यह है कि बीते वित्तीय वर्ष 2015-16 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2016-17 में भाजपा को करीब 593 प्रतिशत ज्यादा चंदा मिला है़
यह जानकारी शुक्रवार को प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वेस्ट बंगाल इलेक्शन वॉच की ओर से दी गयी.
वेस्ट बंगाल इलेक्शन वाॅच की प्रदेश को-ऑर्डिनेटर डॉ उज्जैनी हलीम, सिक्किम उच्चन्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मलय सेनगुप्ता, इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर सत्यव्रत चौधरी और फोरम ऑफ वॉलेंटरी आर्गेनाइजेशन (पश्चिम बंगाल) के महासचिव मानवेंद्र मंडल मौजूद रहे.
उज्जैनी हलीम ने बताया कि राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की आय, उन्हें प्राप्त होनेवाले डोनेशन की जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनइडब्ल्यू) की रिपोर्ट के आधार पर ही तय की जाती है़
दोनों संगठनों ने इसकी जानकारी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया को दिये गये तथ्यों के आधार पर जुटायी है. हलीम ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2016-17 को राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को कुल 589.38 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. इसमें से भाजपा की झोली में 532.27 करोड़ रुपये आए हैं़, जबकि कांग्रेस को 41.90 करोड़ रुपये मिले हैं
इसी तरह, एनसीपी को 6.34 करोड़ रुपये, माकपा को 200 5.25 करोड़ रुपये, तृणमूल कांग्रेस को 2.15 करोड़ रुपये और भाकपा को 1.44 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. वित्तीय वर्ष 2015-16 में भाजपा को 76.85 करोड़ रुपये डोनेशन मिले थे़ यानी चंदे में 455.42 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई.
राजनीतिक दलों को भी आरटीआइ के दायरे मेें लाने की मांग की
राजनीतिक दलों को मिलनेवाले डोनेशन, आय, संपत्ति की सटीक जानकारी संबंधी प्रश्न पूछे जाने पर वेस्ट बंगाल इलेक्शन वाॅच की प्रदेश को-ऑर्डिनेटर डॉ उज्जैनी हलीम ने कहा है कि उनके संगठन की ओर से मांग की गयी है कि राजनीतिक दलों को भी आरटीआइ के दायरे मेें लाया जाये.
इधर, पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव के दौरान कथित हिंसा की घटनाओं को लेकर हलीम ने मांग की है कि चुनाव में इ-नामांकन पत्र दाखिल करने की परपंरा शुरू की जाये.
एनसीपी, कांग्रेस, माकपा के डोनेशन में भी हुई वृद्धि
एनसीपी को वित्तीय वर्ष 2015-16 में 71 लाख रुपये डोनेशन मिले थे, जिसमें 5.63 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ. वर्ष 2015-16 में कांग्रेस को बतौर डोनेशन 20.42 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें 21.48 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई. वर्ष 2015-16 में माकपा को 1.81 करोड़ रुपये मिले थे यानी उन्हें मिलने वाले डोनेशन में 3.44 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ. तृणमूल कांग्रेस को वर्ष 2015-16 में 65 लाख रुपये डोनेशन मिले थे और उन्हें मिलने वाले डोनेशन में 1.5 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई. केवल भाकपा को मिलने वाले डोनेशन में कमी आयी है.
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-16 में भाकपा को 1.58 करोड़ रुपये डोनेशन मिले थे जो वर्ष 2016-17 में घटकर 1.44 करोड़ रुपये हो गया. यानी 14 लाख रुपये की कमी आयी. रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 में सबसे ज्यादा आय की घोषणा भाजपा ने की थी. पार्टी की ओर से आय की राशि 570.86 करोड़ बतायी गयी थी. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016-17 में इसकी घोषणा नहीं की गयी. वर्ष 2015-16 में आय के मामले में कांग्रेस दूसरे स्थान पर थी. उसकी आय 261.56 करोड़ रुपये बतायी गयी थी. वित्तीय वर्ष 2015-16 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2016-17 में बसपा की आय में 126.19 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है.
इधर वित्तीय वर्ष 2015-16 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2016-17 में माकपा की आय में 6.72 करोड़ रुपये और तृणमूल कांग्रेस की आय में 28.18 करोड़ रुपये की कमी आयी है. रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा डोनेशन नयी दिल्ली से प्राप्त होते हैं. वर्ष 2016-17 में नयी दिल्ली से राजनीतिक दलों को कुल 290.90 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र से 112.31 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश से 20.22 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल से 14.63 करोड़ रुपये, हरियाणा से 11.65 करोड़ रुपये और अन्य राज्यों से 139.57 करोड़ रुपये बतौर डोनेशन मिले.
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