वाशिंगटन : अमेरिका के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में तीन भारतीयों समेत अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम ने मक्खी के आकार का दुनिया का पहला वायरलेस ड्रोन तैयार किया है, जो बड़े मानवरहित यानों के लिए अवरुद्ध स्थानों पर भी आसानी से पहुंच सकता है.
एलेन स्कूल की नेटवर्क एंड मोबाइल सिस्टम लैब और मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के ऑटोनोमस इनसेक्ट रोबोटिक्स लैब के सदस्यों द्वारा विकसित रोबोफ्लाई स्वचालित उड़ान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है.
यह हवाई रोबोटिक्स के क्षेत्र में नवोन्मेष की नयी लहर पैदा कर सकता है. रोबोफ्लाई बनाने वाली वाशिंगटन विश्वविद्यालय की टीम में एलेन स्कूल के प्रोफेसर श्याम गोल्लाकोटा, मेकेनिकल इंजीनियरिंग प्रोफेसर सावयेर फूलर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी छात्र विक्रम अय्यर, पीएचीडी छात्र योगेश चूकेवाड और जोहांस जेम्स शामिल हैं.
विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि कीट के आकार का यह रोबोट बड़े खेतों पर फसल की वृद्धि के सर्वेक्षण तथा गैस रिसाव जैसे अधिक समय लगने वाले कामों में मदद पहुंचा सकता है.