स्वीडन को हरा कर दूसरे विश्व कप फुटबॉल की मेजबानी इटली ने हासिल की थी. इटली में बेनितो मुसोलिनी का शासन था. मुसोलिनी ने इस विश्व कप का उपयोग अपने प्रचार-प्रसार के लिए किया. यहां तक की रेफरियों की नियुक्ति में भी हस्तक्षेप किया करता था.
विवादों से भरे इस विश्व कप में 16 टीमें खेलीं. पिछली बार की चैंपियन उरुग्वे ने हिस्सा नहीं लिया. उसका कहना था कि पिछले विश्व कप में कम ही यूरोपीय देशों ने हिस्सा लिया था. सम्मिलित देशों का यह पहला ऐसा विश्व कप था, जिसमें टीमों को हिस्सा लेने के लिए क्वालिफाइंग राउंड खेलना पड़ा. मेजबान इटली भी इसमें शामिल था. इस विश्व कप में पहले राउंड से नॉक आउट स्टेज तक यूरोप की ऑस्ट्रिया, चेकोस्लोवाकिया, जर्मनी, हंगरी, इटली, स्पेन, स्वीडन व स्विट्जरलैंड की टीमें पहुंचीं. क्वार्टर फाइनल में पहली बार ऐसा हुआ जब मैच दोबारा खेला गया.
इटली और स्पेन के बीच यह मैच अतिरिक्त समय तक चला, लेकिन स्कोर 1-1 बराबरी पर रहा. मैच दोबारा खेला गया और इटली ने स्पेन को 1-0 से हरा दिया. सेमीफाइनल में इटली ने ऑस्ट्रिया को 1-0 से, चेकोस्लोवाकिया ने जर्मनी को 3-1 से हरा कर फाइनल में जगह बनायी. फाइनल इटली व चेकोस्लोवाकिया के बीच खेला गया. निर्धारित समय तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं. अतिरिक्त समय में इटली की टीम ने गोल करके 2-1 से खिताब पर कब्जा जमाया.
टूर्नामेंट संक्षिप्त
चैंपियन
इटली
उपविजेता
चेकोस्लोवाकिया
तीसरा स्थान
जर्मनी
पहला मैच
27 मई,1934
फाइनल मैच
10 जून 1934
मैच खेले गये :17
टीमों ने हिस्सा लिया : 16