नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार करने के मुद्दे पर एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने उनसे धर्मनिरपेक्षता के हित में अपने निर्णय पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सीके जाफर शरीफ ने पूर्व राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनके इस कदम पर आश्चर्य व्यक्ति किया. कहा कि आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने के बारे में जान-बूझकर वह अन्य धर्मनिरपेक्ष लोगों की भांति ही स्तब्ध हैं.
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शरीफ ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर उनका मानना है कि जो व्यक्ति दशकों तक राजनीति में धर्मनिरपेक्ष रहा, विभिन्न पदों पर सेवाएं दीं, जिसमें राष्ट्रपति जैसे उच्च पद भी शामिल हैं, उनका संसदीय चुनाव से पहले संघ परिवार के कार्यक्रम में जाना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे इस पर फिर से विचार करने और धर्मनिरपेक्षता तथा देश हित में संघ परिवार के कार्यक्रम में जाने से बचने का अनुरोध करता हूं.’
इससे पहले, कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘फिलहाल इस मामले पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. इस कार्यक्रम को होने दीजिए. उसके बाद हम कुछ कह सकेंगे.’ हालांकि, इस मुद्दे पर कांग्रेस ने कुछ कहने से इन्कार किया, लेकिन पार्टी के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने इसे ‘अटपटा’ करार देते हुए मुखर्जी के इस कदम पर सवाल खड़े कर दिये.
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दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए मुखर्जी हमेशा आरएसएस के विचारों के खिलाफ रहे, तो आखिर वह इस संगठन के कार्यक्रम में क्यों शामिल हो रहे हैं. दीक्षित ने कहा, ‘प्रणब दादा के संघ के बारे में लगभग वही विचार रहे हैं, जो कांग्रेस के रहे हैं कि आरएसएस एक फासीवादी संगठन है. आरएसएस की मूल विचाराधारा ही कांग्रेस के खिलाफ है. मुझे यह अटपटा लग रहा है कि आखिर वह उनके कार्यक्रम में क्यों शामिल होने जा रहे हैं?’
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इन्कार किया है, तो पूर्व सांसद दीक्षित ने कहा, ‘मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि पार्टी को बुरा जरूर लगा होगा. वैसे, आगे पार्टी की आधिकारिक टिप्पणी का इंतजार करिए.’ वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह कहकर मुखर्जी का बचाव किया कि आरएसएस कोई पाकिस्तान का आइएसआइ नहीं है. यह राष्ट्रवादियों का संगठन है. आरएसएस राष्ट्रवादियों का संगठन है.