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निपाह वायरस पर नियंत्रण के लिए उचित व्यवस्था जरूरी

कोलकाता : मलयेशिया के निपाह नामक गांव से आये एक वायरस ने अब भारत में भी अपना प्रभाव दिखाना आरंभ कर दिया है. केरल के बाद महानगर में भी इसके मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है. इसी विषय को लेकर प्रभात खबर की ओर से महानगर में मॉर्निंग वॉकर्स से राय ली गयी. प्रस्तुत […]

कोलकाता : मलयेशिया के निपाह नामक गांव से आये एक वायरस ने अब भारत में भी अपना प्रभाव दिखाना आरंभ कर दिया है. केरल के बाद महानगर में भी इसके मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है. इसी विषय को लेकर प्रभात खबर की ओर से महानगर में मॉर्निंग वॉकर्स से राय ली गयी. प्रस्तुत है इसी बातचीत के प्रमुख अंश.
एसके चौबे का कहना है कि सबसे पहले चारों ओर साफ-सफाई की आवश्यकता है. फलों को अच्छी तरह से धोकर खाना होगा. इसके बाद भी अगर किसी तरह की असुविधा उत्पन्न हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.आनंद प्रकाश गुप्ता का कहना है कि प्रशासन को जरूरी कदम उठाते हुए लोगों को इसके बारे में जागरूक करना होगा. खासकर स्कूल व कॉलेजों में इसके लिए अभियान चलाना चाहिए.
कमल गुप्ता कहते हैं कि सरकार को इसके लिए कदम उठाना होगा. लोगाें को सतर्क करना होगा. फलों को साफ करके खाना होगा. इसके शुरुआती लक्षण पर ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. फखरुल हसन कहते हैं कि साफ-सफाई के साथ बंगाल के बाहर से आने वाले खाद्य पदार्थ पर भी सरकार को एक नीति बनानी होगी, ताकि देश के नागरिकों तक सभी सामान पहुंचे.
आनंद गुप्ता कहते हैं कि निपाह वायरस काफी खतरनाक है. सरकार को इसकी रोकथाम व इलाज की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी. साथ ही लोगों में जागरूकता फैलानी होगी.नवीन गुप्ता मानते हैं कि अभी तक इसका कोई उपचार नहीं है. परंतु सरकार को इसके लिए सतर्कता अभियान चलना होगा. केले पर भी ध्यान देने की जरूरत है.
कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि सरकार को इसके लिए विशेष पहल करने की जरूरत है. इसके लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है. साथ ही लोगों को फलों के सेवन में सावधानी बरतने की आवश्यकता है.एमसी ओझा ने कहा कि फलों के माध्यम से इसके वायरस का फैलाव हो रहा है. लोग फल खाना नहीं छोड़ सकते हैं, पर सावधानी कायम रखनी होगी. साथ ही प्रशासन को भी इसके लिए आगे आना होगा.
सीके गुप्ता ने कहा कि सरकार को इसके लिए एक कमेटी का गठन करना चाहिए. इसके जड़ तक पहुंचने का प्रयास होना चाहिए. साथ ही फलों के सेवन में कमी करनी होगी.मनीष व्यास कहते हैं कि इस तरह के वायरस के लिए सरकार के साथ लोगों को भी अपने स्तर से प्रयास करने की जरुरत है. साथ ही फलों को रसायनिक पदार्थों से भी दूर रखने की जरूरत है.

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