लखीसराय:बिहार के लखीसराय में जिला व्यवहार न्यायालय के त्वरित न्यायालय प्रथम के न्यायाधीश देवेंद्र प्रसाद केसरी ने सोमवार को भादवि की धारा 302 शास्त्र अधिनियम और 307 में विचारण के बाद दो अभियुक्तों दामोदर यादव और राज यादव को विचारण के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनायी. जबकि कांड के अन्य अभियुक्त वियास यादव, अदालत यादव और फूलो देवी की मृत्यु हो चुकी है. वहीं, गिरीश यादव और रंजन यादव आज तक उपस्थित नहीं हुए.
अपर लोक अभियोजक मो फारूक आलम ने बताया कि सूर्यगढ़ा थाना कांड संख्या 194/4 की घटना है. जिसका सत्रवाद संख्या 357/8 सूचक मुकेश यादव है. घटना दिनांक 25/7/2004 की है. सूचक खर्रा गांव में अपने पिता दासो यादव रामानंद मंडल और चचेरा भाई के साथ बथान में सोया था. रात्रि एक बजे गांव के दामोदर यादव, राय यादव, रंजन यादव, वियास यादव, विलो देवी, इनो देवी, अदालत यादव, गिरीश यादव आदि हरवे हथियार से लैस होकर उसे घेर लिया और पिता दासो यादव व चाचा को गोली मार कर हत्या कर दिया और चचेरा भाई मिथलेष यादव और व्रजेश घायल हो गये.
न्यायालय ने विचारण के बाद दफा 302 में आजीवन करावास 10 हजार का आर्थिक दंड 307 में पांच माह पांच हजार आर्थिक दंड और शस्त्र अधिनियम में तीन वर्ष कारावास और पांच हजार आर्थिक दंड की सजा सुनायी. सभी सजायें सजा अलग-अलग चलेंगी. बचाव पक्ष से बालेश्वर मोदी लोक अभियोजक से शंभुशरण सिंह एवं अपर लोक अभियोजक मोहम्मद फारूक आलम थे.