पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज सचेत किया कि सभी अस्पताल बायोमेडिकल कचरे का समुचित निष्पादन करें नहीं तो सरकार कार्रवाई के लिए बाध्य होगी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से 784 करोड़ रुपये की 301 योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन के लिए आयोजित समारोह को आज संबोधित करते हुए सुशील मोदी ने सचेत किया कि सभी अस्पताल बायोमेडिकल कचरे का समुचित निष्पादन करें नहीं तो सरकार कार्रवाई के लिए बाध्य होगी.
सुशील मोदी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने 24,303 अस्पतालों के सर्वेक्षण के बाद 2,038 को नोटिस जारी किया है. 10 बेड से ज्यादा के सरकारी अस्पतालों में सरकार 75 हजार से 5 लाख रुपये तक की लागत से ईटीपी लगायेगी. उन्होंने कहा कि सरकार नर्सिंग काॅलेज, आई बैंक की स्थापना ही नहीं बल्कि मेडिकल कचरे के निष्पादन को लेकर भी सचेत है. उन्होंने कहा कि पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में कॉमन बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट की सुविधा है. पीएमसीएच, कटिहार और किशनगंज में भी इंसीलेटर की व्यवस्था की गयी है. फिलहाल 16 टन कचरा निष्पादन की इसकी क्षमता है. शीघ्र ही गया में एक ट्रीटमेंट प्लांट प्रारंभ हो जाने से क्षमता बढ़ कर 22 टन हो जायेगी.
डिप्टीसीएम सुशील मोदी ने कहा कि अभी प्रदेश में 8 टन बायोमेडिकल कचरे का प्रतिदिन निष्पादन होता है, जबकि 20 टन कचरे को चैराहे या नदियों में फेंक दिया जाता है. उन्होंने निजी क्षेत्र के अस्पतालों से अपील की कि जहां-तहां कचरा नहीं फेंके, वरना उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.