मुंबई : सुप्रसिद्ध अभिनेता आमिर खान का कहना है कि वह स्वाभाविक अभिनेता नहीं हैं और दूसरों से अलग सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि किरदार में ढलने में उन्हें कुछ समय लगता है. अभिनेता का कहना है कि उनमें अच्छा प्रदर्शन करने की भावना होती है, लेकिन किरदार में ढलने में उन्हें कुछ समय लगता है.
आमिर ने एक सामूहिक साक्षात्कार में कहा , ‘‘ जब मैं नसीर (नसीरुद्दीन शाह), ओम पुरी जी, रघुवीर यादव , दिलीप कुमार साहब , अमिताभ बच्चन जी और जायरा वसीम जैसे कलाकारों को देखता हूं , तो मुझे लगता है कि वे एक पावरहाउस हैं. जब वे अपना शॉट देते हैं , तो उनमें बहुत ज्यादा विश्वास झलकता है और यही वजह है कि बहुत ही स्वाभाविक और सहज परिणाम भी मिलता है.
‘ उन्होंने कहा , ‘‘ मुझे नहीं लगता कि मेरे पास वो चीज है. मुझे ऐसा लगता है कि उस स्तर तक पहुंचने के लिए मुझे और काम करना है तथा इसके लिए और अधिक प्रयास करने होंगे. ‘ फिल्म उद्योग में 30 साल पूरा कर चुके इस अभिनेता ने कहा कि वह अपनी शंकाओं से पार पाने के लिए जूझते रहते हैं और यदि वह बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं तो उन्हें कई बार रिहर्सल करने से भी कोई गुरेज नहीं होता. ‘‘ दंगल ‘ का उदाहरण देते हुए आमिर ने कहा कि हरियाणवी लहजा पकड़ने के लिए वसीम को महज एक हफ्ते लगे जबकि उन्हें इसे सीखने के लिए चार महीनों तक संघर्ष करना पड़ा. 53 वर्षीय अभिनेता का कहना है कि उनकी सबसे बड़ी ताकत इस तथ्य में निहित है कि वह ‘‘ असफल होने से डरते नहीं है ‘