गड़बड़ी. झारक्रॉफ्ट कंबल घोटाले की आंच विश्रामपुर तक, लाखों की हेराफेरी का लगा आरोप
Advertisement
बाहरी कारीगर बुला कर जांच टीम को दे रहे झांसा
गड़बड़ी. झारक्रॉफ्ट कंबल घोटाले की आंच विश्रामपुर तक, लाखों की हेराफेरी का लगा आरोप विश्रामपुर : झारखंड झारक्रॉफ्ट कंबल घोटाले की आंच पलामू जिला अंतर्गत विश्रामपुर नगर परिषद के उरसुला गांव तक पहुंच गयी है. राज्य सरकार द्वारा गठित टीम ने झारक्रॉफ्ट द्वारा संचालित उरसुला कलस्टर की जांच की. यहां उल्लेखनीय है कि उरसुला कलस्टर […]
विश्रामपुर : झारखंड झारक्रॉफ्ट कंबल घोटाले की आंच पलामू जिला अंतर्गत विश्रामपुर नगर परिषद के उरसुला गांव तक पहुंच गयी है. राज्य सरकार द्वारा गठित टीम ने झारक्रॉफ्ट द्वारा संचालित उरसुला कलस्टर की जांच की. यहां उल्लेखनीय है कि उरसुला कलस्टर से भी कंबल की खरीदी हुई थी. जांच टीम ने झारक्रॉफ्ट के इस कलस्टर पर घंटों कागजात खंगाला. कलस्टर पर बुनकर कार्य कर रहे हैं या नहीं, यह कलस्टर कंबल निर्मित कर बेचने में सक्षम है कि नहीं व क्या वाकई में इस कलस्टर से निर्मित कंबल खरीदा गया था या फिर बाजार से कंबल उठा कर झारक्रॉफ्ट को सप्लाइ किया गया था. इन सभी बिंदुओं पर टीम ने गहनता से जांच की.
उद्योग विभाग के उप-निदेशक राजेंद्र प्रसाद की अगुवायी वाली जांच टीम में गुमला डीआइसी डीएम अबनेजर टोप्पनो, कुमार रविशंकर व सरोज कुमार शामिल थे. जांच के दौरान पाया गया की कलस्टर में आठ लूम पर आठ कारीगर कार्य कर रहे थे. हालांकि ग्रामीणों की माने तो जांच टीम के आने की खबर के बाद बाहरी कारीगर बुलवाया गया था. जांच टीम ने स्थानीय ग्रामीणों व महिला बुनकरों से भी बात की. महिला बुनकरों ने जांच टीम को बताया कि लाखों रुपये की हेराफेरी इस कलस्टर से होते रही है. स्थानीय ग्रामीणों ने भी कलस्टर के प्रबंधक इसरार अंसारी पर कई गंभीर आरोप लगाये. ग्रामीणों ने कहा कि इसरार अंसारी ने इस क्लस्टर को अपना पारिवारिक संपत्ति बना लिया है. इसरार अंसारी खुद अध्यक्ष व अपनी पत्नी जुबैदा बीबी को कोषाध्यक्ष बना कर फर्जी निकासी करता रहा है. ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि इस कलस्टर से निर्मित कंबल के बजाय, बाजार से खरीद कर झारक्रॉफ्ट को कंबल की आपूर्ति की गयी है. कलस्टर संचालक इसरार अंसारी ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. जांच टीम ने कहा कि सभी बिंदुओं पर जांच की गयी है.जांच रिपोर्ट संबंधित विभाग को सौंपा जायेगा.
2011 में कलस्टर का हुआ था गठन
अतिरिक्त केंद्रीय सहायता योजना अंतर्गत राज्य सरकार के झारक्रॉफ्ट ने इलाकाई बुनकरों को रोजगार व आजीविका मुहैया कराने के उद्देश्य से 2011 में प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र की स्थापना की थी.केंद्र की स्थापना विश्रामपुर नगर परिषद के उरसुला गांव में किया गया था. यहां पर झारक्रॉफ्ट द्वारा प्रशिक्षण सह उत्पादन भवन का निर्माण भी कराया गया है. आदर्श प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति को इस कलस्टर के संचालन का जिम्मा सौंपा गया था. समिति शुरू से ही विवादों में रही. इस समिति के सचिव इजराइल अंसारी को हटा दिया गया. समिति के अध्यक्ष इसरार अंसारी ने अपनी पत्नी जुबैदा बीबी को कोषाध्यक्ष बना कर समिति पर अपना कब्जा जमा लिया. तब से विवाद और भी गहरा हो गया था. अब इस कलस्टर का तार झारक्रॉफ्ट कंबल घोटाले से जुड़ रहा है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement