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जेलों में बंद विदेशी कैदियों का आईजी ने मांगा ब्योरा

पटना : राज्य की सभी जेलों में बंद तमाम विदेशी कैदियों का पूरा ब्योरा जेल मुख्यालय ने मांगा है. ये कैदी किस देश के हैं, किस सजा में कब से अंदर हैं और इनके केस की मौजूदा स्थिति क्या है समेत अन्य सभी बातों की विस्तृत जानकारी सभी जेल प्रशासन को देने के लिए कहा […]

पटना : राज्य की सभी जेलों में बंद तमाम विदेशी कैदियों का पूरा ब्योरा जेल मुख्यालय ने मांगा है. ये कैदी किस देश के हैं, किस सजा में कब से अंदर हैं और इनके केस की मौजूदा स्थिति क्या है समेत अन्य सभी बातों की विस्तृत जानकारी सभी जेल प्रशासन को देने के लिए कहा गया है.
इन विदेशी कैदियों के सुरक्षा के क्या इंतजाम है, इसकी भी जानकारी देने के लिए जेलों को कहा गया है. अगर किसी विदेशी कैदी की सुरक्षा पर ज्यादा खतरा है, तो उसे पटना जेल ट्रांसफर करने के लिए कहा गया है. जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा ने पद संभालने के बाद पहली बार सभी जेल अधीक्षकों और उपाधीक्षक समेत अन्य जेल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे. अनुशासन तोड़ने या इसका पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. जेल कर्मियों और कैदियों दोनों से अनुशासन की स्थिति को बनाये रखने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि अब राज्य की सभी जेलों में कैदियों की ऑनलाइन इंट्री या रिपोर्टिंग की व्यवस्था होगी. इस नयी व्यवस्था से कैदियों की हाजिरी भी लगायी जायेगी. इससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि कौन सा कैदी किस समय कहां है और उससे मिलने कौन-कौन व्यक्ति किस समय में आया है. जेल आईजी ने कहा कि जेल की सुरक्षा को लेकर किसी तरह की कमी बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
सुरक्षा के जितने भी मानक हैं, उनका सख्ती से पालन किया जाये. अगर कहीं से कोई लापरवाही की शिकायत आयी, तो संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई की जायेगी. सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से दुरुस्त बनाये रखने के लिए कहा गया है. जेलों में सीसीटीवी के अलावा कैदियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी की सुविधा को बहाल करने के लिए कहा गया है. जिन जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था नहीं है, वहां जल्द ही शुरू होगा. उन्होंने कहा कि राज्य की कुछ जेलों नवादा, सुपौल, मधेपुरा समेत अन्य जेलों में काफी भीड़ हो गयी है. इन स्थानों पर नये जेलों का निर्माण जल्द किया जायेगा.
सजा पूरी होने के बाद भी कई लोग हैं बंद
समीक्षा के दौरान यह बात भी सामने आयी राज्य के कई जेलों में ऐसे कैदी भी बंद हैं, जो सजा पूरी होने के बाद भी बंद हैं. इसमें अधिकांश कैदी काफी उम्रदराज हो गये हैं और लंबे समय तक सजा काटने के कारण वे अपने घर से दूर हो चुके हैं.
अब ये अपने घर नहीं लौटना चाहते हैं. आइजी ने कहा है कि ऐसे कैदियों का भी पता करें और इन्हें एनजीओ को सौंपे. इन्हें वापस सामान्य जीवन में लाने के लिए एनजीओ की मदद से पुनर्वास कार्यक्रम तैयार करने के लिए कहा है. बैठक में डीआइजी नीरज कुमार झा, राजीव कुमार वर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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