फारबिसगंज : बुधवार की देर फारबिसगंज व इसके आस-पास के क्षेत्र में हुई मूसलधार बारिश से नगर परिषद क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी. मूसलाधार बारिश ने साफ-सफाई व जलनिकासी के इंतजाम को लेकर नप प्रशासन के दावों का पोल खोल कर रख दिया. बारिश देर रात आरंभ होकर गुरुवार अहले सुबह तक […]
फारबिसगंज : बुधवार की देर फारबिसगंज व इसके आस-पास के क्षेत्र में हुई मूसलधार बारिश से नगर परिषद क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी. मूसलाधार बारिश ने साफ-सफाई व जलनिकासी के इंतजाम को लेकर नप प्रशासन के दावों का पोल खोल कर रख दिया. बारिश देर रात आरंभ होकर गुरुवार अहले सुबह तक जारी रहा. तकरीबन छह घंटों तक बारिश होने की बात बतायी जाती है. इससे शहर के मुख्य सड़क सदर रोड, स्टेशन चौक, पोस्ट ऑफिस चौक, छुआ पट्टी सहित विभिन्न मार्ग पर जलजमाव की स्थिति ने भयावह रूप ले लिया. इतना ही नहीं नगर परिषद के वार्ड संख्या 21, 22 व 23 सहित अन्य कई इलाके में बसे कई लोगों के घरों में पानी घुस गया.
घर में पानी घुस जाने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी. कई परिवार को समीप के ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए बाध्य होना पड़ा. कुछ घरों में तो दो से तीन फीट पानी का जमाव देखा गया. इससे घरों में रखे सामान को व्यापक क्षति पहुंची. सदर रोड से पोस्ट ऑफिस चौक जाने वाली सड़क पर दो से तीन फीट पानी का बहाव था. बाजार के निचले इलाके की दुकानों में भी पानी घुस आये. वार्ड संख्या 21, 22 व 23 में शायद ही कोई घर ऐसा था. जहां पानी प्रवेश नहीं कर सका हो.
बारिश के पानी के साथ विभिन्न वार्ड के बंद नाला का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर जाने लोगों की मुसीबतें कई गुणा बढ़ गयी. गंदे पानी के तेज बहाव के कारण लोगों का जहां सड़क पर चलना दुस्वार हो गया तो गंदा पानी घर में प्रवेश कर जाने लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो गया.
ग्यारह वर्षों के बाद भी नहीं हो पाया मेन ड्रेन का निर्माण
नगर परिषद क्षेत्र को जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए वर्ष 2007 में ड्रेन निर्माण के लिये सरकार एक करोड़ 26 लाख रुपया आवंटित किये गये थे. बावजूद इसके नप क्षेत्र में मेन ड्रेन का निर्माण नहीं हो सका. इस बीच शहरी जनसंख्या लगातार बढ़ती गयी. जहां तहां आवासीय मुहल्ला बस जाने से स्थिति और भी भयावह होती गयी. नगर परिषद के लिए बोर्ड के गठन का एक साल पूरा होने वाला है. लेकिन जलजमाव जैसी शहर की मुख्य समस्या को लेकर कोई कारगर कार्यनीति का क्रियान्वयन नहीं हो सका. इसका खामियाजा समय-समय पर नप वासियों को भुगतना पड़ रहा है.
मेन ड्रेन का निर्माण नहीं हो पाने के कारण नप के निचले इलाके के वार्ड संख्या 21, 22 व 23 की स्थिति साल दर साल बदत्तर होती जा रही है. बारिश के मौसम में हर साल नाला का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस आने से वार्ड वासियों को नारकीय स्थिति का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. बताया जाता है कि ससमय मेन ड्रेन का निर्माण नहीं होने के कारण नप प्रशासन को उपलब्ध राशि विभाग को लौटाना पड़ा. नगर वासियों के मुताबिक अगर नप प्रशासन और स्थानीय वार्ड प्रतिनिधि अगर वार्ड वासियों की समस्या के प्रति संवेदनशील होते तो उन्हें हर बार बारिश होने के बाद ऐसी स्थिति का सामना करने की मजबूरी से निजात मिल सकता था.