डिपो पर लगे सुरक्षा कर्मी दूसरे जगह भेजे गये
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लाल बालू की बिक्री ठप होने से िनर्माण बािधत
डिपो पर लगे सुरक्षा कर्मी दूसरे जगह भेजे गये छपरा (सदर) : खनन विभाग के द्वारा जिले में खोले गये लाल बालू के बिक्री का बफर स्टॉक विगत 10 दिनों से लाल बालू के अभाव में काम नहीं कर रहा है. वैसी स्थिति में वहां तैनात होमगार्ड के जवानों को जहां दूसरे जगह ड्यूटी लगा […]
छपरा (सदर) : खनन विभाग के द्वारा जिले में खोले गये लाल बालू के बिक्री का बफर स्टॉक विगत 10 दिनों से लाल बालू के अभाव में काम नहीं कर रहा है. वैसी स्थिति में वहां तैनात होमगार्ड के जवानों को जहां दूसरे जगह ड्यूटी लगा दी गयी है. वहीं एक जवान को रात में नाइट गार्ड के रूप में ड्यूटी देने का निर्देश दिया गया है. छपरा-रेवा रोड में अलोनी चंवर स्थित बफर स्टॉक वीरान पड़ा है. बालू बिक्री बंद होने की वजह डीपो प्रबंधन अबुल जैद लाल बालू की प्राप्ति नहीं होना स्वीकारते हैं. यह पूछे जाने पर की प्रतिमाह लगभग एक लाख रुपये जमीन का किराया दिये जाने के बावजूद बिक्री की रफ्तार इतनी खराब है कि अभी विभाग की स्थिति यह है कि लाल बालू बिक्री की होने वाले आय की मात्रा कम है, जिससे आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया वाली स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
विभाग के द्वारा डीपो चालू करने के लिये लगभग एक लाख रुपये प्रतिमाह के किराये पर ली गयी जमीन के अलावा डीपो प्रबंधक, एकाउंटेंट तथा चार-चार कंप्यूटर ऑपरेटर तैनात किये गये थे. वहीं उनकी संख्या अब घटकर एक डीपो प्रबंधक तथा एक ऑपरेटर ही रह गया है. डीपो प्रबंधक अबुल जैद की माने तो मई के शुरुआत में विभाग के द्वारा दक्षिण बिहार के 15 जिलों में डिपो के माध्यम से लाल बालू की बिक्री का काम विभाग ने बंद करते हुए बालू की बिक्री का जिम्मा वहां के खनन पदाधिकारी को दे दिया है तथा शेष सभी कर्मियों को हटा दिया है. सहायक जिला खनन अधिकारी उमेश चौधरी के अनुसार सारण जिले में भी पांच जून को भी पूर्व में जब्त किये गये लगभग पांच करोड़ रुपये के बालू की नीलामी के बाद ही डीपो के माध्यम से बालू की बिक्री के संबंध में कुछ कहा जा सकता है. विगत चार दिनों तक कोइलवर से बालू नहीं निकलने के कारण भी सारण जिले में बालू लदे ट्रकों के आने की संख्या नगण्य रही.
गुरुवार को भी काफी कम संख्या में ही ट्रक आये. सरकार के निर्देश के आलोक में भी लाल बालू का कारोबार डीपो के माध्यम से किया जायेगा. उधर, डीपो के माध्यम से लाल बालू की बिक्री कम होने तथा कोइलवर से भी बालू आने में कमी के कारण एक ओर जहां निर्माण से जुड़े लोगों को परेशानी हो रही है वहीं बालू व्यवसाय में लगे वाहन चालक, मालिक एवं मजदूर भी परेशान हैं.
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