पटना : अब सीसीटीवी कैमरे के सामने ही वाहन की जांच होगी. हाईकोर्ट ने इस संबंध में पटना एसएसपी को स्पष्ट आदेश देते हुए कहा कि जहां कैमरा नहीं होगा, वहां वाहनों की जांच नहीं होगी. साथ ही अदालत ने वाहनों की जांच के लिए एसएसपी से गुरुवार तक योजना बना कर अदालत में पेश करने का आदेश दिया है. अवकाशकालीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह और न्यायमूर्ति अरुण कुमार की खंडपीठ ने अधिवक्ता विशाल विक्रम राणा की अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया. कोर्ट ने अधिवक्ता के साथ मारपीट करनेवाले मोटरसाइकिल पर गश्ती करनेवाले पुलिसकर्मी पर आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है.
इससे पहले, अदालत में मंगलवार को पुलिस का पक्ष रखते हुए एसएसपी ने बताया कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता के साथ मारपीट करनेवाले एक पुलिसकर्मी की पहचान कर ली गयी है. उसे निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी है. इस पर कोर्ट ने अन्य आरोपित पुलिसकर्मियों की जांच और पहचान कर कार्रवाई के साथ आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया. अब मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी. उस दिन एसएसपी को भी अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया गया है.
वाहन जांच के दौरान चालकों के साथ नोकझोंक की होती रहती हैं घटनाएं
इधर, आर ब्लॉक पर परिवहन विभाग की मंगलवार को की गयी चेकिंग विवादों के घेरे मे आ गयी है. चेकिंग के दौरान एक युवती ने परिवहन विभाग के एक कर्मचारी पर आरोप लगाया कि कर्मी ने हाथ पकड़ कर वीडियो बनाने का प्रयास किया. दूसरी ओर, परिवहन विभाग का दावा है कि युवती ने शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रयास किया. वाहन का हैंडिल पकड़ने के दौरान कर्मचारी का हाथ गलती से युवती को छू गया. घटना के संबंध में डीटीओ अजय कुमार ठाकुर ने बताया कि टीम के इशारा करने पर लड़की नहीं रुकी. रोकने के प्रयास में चालक ने गाड़ी के हैंडिल को पकड़ा. इस दौरान हो सकता है कि युवती का हाथ टच हो गया होगा. बिना हेलमेट गाड़ी चलाने के प्रमाण के लिए टीम के चालक ने युवती की तस्वीर मोबाइल से खींची. लेकिन, युवती ने मामले को दूसरा रूप दे दिया.