मधेपुरा : बीएन मंडल विवि के पेंशनभोगी शिक्षकेतर कर्मचारी समाज ने विवि द्वारा पेंशनभोगियों के साथ पेंशन भुगतान में दोरंगी नीति अपनाने को लेकर क्षोभ व्यक्त किया है. आक्रोश व्यक्त करते हुए पेंशनभोगी समाज ने कुलपति से मिल कर आग्रह किया है कि अगर विवि प्रशासन उन्हें पेंशन देने में असमर्थ है तो उनलोगों को दैनिक मजदूरी पर रख लिया जाए ताकि उनका और उनके परिवार का भरनपोषण हो सके. इस मामले में पेंशनभोगी शिक्षकेतर कर्मचारी समाज के सह संयोजक हीरा कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है.
उन्होंने कहा है कि अगर विवि उन्हें दिहाड़ी पर रख लेगा तो उनलोगों के जीवन यापन में कठिनाई नहीं हो. उन्होंने विवि प्रशासन पर दोयम दर्जे का व्यवहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि महीनों पूर्व सरकार से प्राप्त जनवरी एवं फरवरी 2018 की पेंशन का भुगतान अब तक नहीं किया गया है, जबकि नियमित कर्मियों को भुगतान किया जा चुका है. पेंशन भोगी भुखमरी की स्थिति में आ गये हैं. यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय के अवमानना निर्णय संख्या 262/13 को भी विवि नहीं मान रहा है और पेंशनभोगियों को राज्य सरकार के दिशा निर्देश के विरूद्ध पुराने पेंशनमान पर जीवन यादव करने के लिए बाध्य किया गया है.
हीरा कुमार सिंह ने बताया कि भुखमरी के शिकार पेंशनभोगियों ने संघ के नेतृत्व में कुलपति के पास गुहार लगाया है कि उन्हें विवि में दैनिक मजदूरी पर काम दिया जाय ताकि अपना और अपने परिवार का भरनपोषण कर सकें. शायद इससे विवि प्रशासन लज्जित हो सके. आवेदन पत्र पर कृष्ण कुमार यादव, हीरालाल यादव, चंदेश्वरी यादव, अशोक कुमार सिंह, उत्तम लाल यादव, जितेंद्र नारायण मिश्र सहित दर्जनों पेंशनभोगियों के हस्ताक्षर हैं. पेंशनभोगियों के इस संघ ने कुलाधिपति राज्यपाल से भी आपराधिक मुकदमा कायम करने की अनुमति की मांग की है. सह संयोजक ने विवि के विज्ञापन संख्या – एसी 400/18 पर भी आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने कहा है कि उक्त विज्ञापन का विषय समय की बर्बादी के सिवा कुछ नहीं है.