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मो अली पार्क पूजा कमिटी पर विवाद हाइकोर्ट ने दिया अंतरिम स्थगनादेश
कोलकाता : मोहम्मद अली पार्क पूजा कमिटी का विवाद उलझता जा रहा है. संस्था की नयी और पुरानी कमेटी का विवाद कलकत्ता हाइकोर्ट में पहुंच गया है, जहां से कोर्ट ने अंतिरम स्थगनादेश देते हुए नयी कमेटी के सदस्यों को 10 दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. फिलहाल दोनों ही पक्ष […]
कोलकाता : मोहम्मद अली पार्क पूजा कमिटी का विवाद उलझता जा रहा है. संस्था की नयी और पुरानी कमेटी का विवाद कलकत्ता हाइकोर्ट में पहुंच गया है, जहां से कोर्ट ने अंतिरम स्थगनादेश देते हुए नयी कमेटी के सदस्यों को 10 दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. फिलहाल दोनों ही पक्ष हाइकोर्ट के खुलने का इंतजार कर रहे हैं.
क्या है मामला : उल्लेखनीय है कि मोहम्मद अली पार्क की 30 सदस्यीय कार्यकारिणीवाले यूथ एसोसिएशन की ओर से आयोजित होनेवाली दुर्गा पूजा को लोग मोहम्मद अली पार्क की पूजा के नाम से जानते हैं. इस बार यूथ एसोसिएशन में दो गुट बन गया है. इसमें नये गुट के 22 सदस्यों के समर्थन का दावा करते हुए चेयरमैन दिनेश बजाज को पद से हटा कर उनकी जगह मनोज पोद्दार को चेयरमैन और घनश्याम दास शुभोसरिया को हटाकर रामचंद्र बडोपलिया को चीफ पैटर्न बनाया.
इसके खिलाफ पुरानी कमिटी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में गुहार लगाते हुए मांग की कि दिनेश बजाज, घनश्याम शुभोसरिया को अवैध रूप से हटाने और रामचंद्र बडोपलिया को चीफ पैटर्न बनाने, विजय कुमार सिंह को पदोन्नति देकर उपाध्यक्ष बनाने, नये उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार चांडक को अतिरक्त कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के साथ ही मुदित पोद्दार को मानद पैटर्न बनाने के फैसले पर रोक लगाते हुए पुरानी कमिटी को ही मान्यता दी जाये. इसके साथ ही पूरे मामले में स्थायी स्थगन आदेश की भी मांग की गयी है.
इसके अलावा संस्था का नाम लेकर उसे उपयोग में लाते हुए लोगो और बोर्ड लगाकर हो रहे प्रचार पर रोक लगाने की मांग की गयी है. इतना ही नहीं, स्थायी स्थगन का आदेश बैंक और अन्य जगहों पर हो रहे लेनदेन के अधिकार पुरानी कमिटी के द्वारा करने और कोई नया सदस्य नहीं बनाने के साथ उच्च न्यायालय की देखरेख में सदस्यों को लेकर चुनाव करवाने की गुहार भी पुरानी कमिटी ने अपनी याचिका में लगायी है. इस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने नयी कमिटी को अपना पक्ष रखने को कहा है.
नयी कमिटी का कहना है कि वह सोमवार को हाइकोर्ट के खुलने का इंतजार कर रहे हैं, जहां वे लोग अपना पक्ष रखेंगे. उनका न्यायालय पर पूरा भरोसा है. उनका दावा है कि यह पूजा सबकी पूजा है, लिहाजा इससे किसी को व्यक्तिगत फायदा नहीं लेने दिया जायेगा. पूजा गरिमा और भव्यता के साथ होगी.
वहीं, पुरानी कमिटी का कहना है कि वह लोग इस मनमाने रवैये के खिलाफ न्याय की गुहार लगाने गये, जहां न्यायालय ने उनकी बात को सुनते हुए अंतरिम आदेश दिया है. उन्हें न्यायालय से न्याय की उम्मीद है.
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