पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया में युवक को बंधक बना कर अप्राकृतिक यौनाचार का आरोपित आरपीएफ कांस्टेबल समीर कुमार झा की मुश्किलें बढ़ती ही नजर आ रही है. आरपीएफ महकमा ने कांस्टेबल पर लगे आरोप को गंभीरता से लेते हुए ना केवल आरोपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई किया है बल्कि जांच का दायरा भी विस्तृत कर दिया है. हैरानी की बात यह है कि 20 मई की रात जब कांस्टेबल ने कोर्ट स्टेशन स्थित सरकारी आवास में युवक के साथ अप्राकृतिक यौनाचार कर अश्लील वीडियो बना रहा था तो सरकारी कागजात में वह छुट्टियों में था. ऐसे में यह भी सवाल उठ रहे हैं कि छुट्टी में रहने के बावजूद वह पूर्णिया में क्यों मौजूद था या फिर विभाग के स्तर से लीपापोती की कोशिश की जा रही है.
विभाग से मिली जानकारी अनुसार समीर 15 मई से 21 मई तक अवकाश पर था. लिहाजा जांच के दायरे में यह बिंदू भी अहम होगा. दूसरी तरफ घटना को लेकर कोर्ट स्टेशन के आसपास के लोगों में आक्रोश व्याप्त है. नगर निगम के उपमहापौर संतोष कुमार यादव ने जांच के लिए पहुंची विशेष टीम से मिल कर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग किया है.
आरोपी कांस्टेबल हुआ निलंबित
पीड़ित युवक द्वारा यौन शोषण की शिकायत सोमवार को दर्ज कराने के बाद आरोपी कांस्टेबल पूर्णिया से फरार हो गया. मामला सोशल मीडिया में भी सुर्खिया बना और शाम होते-होते बनमनखी से आरपीएफ सबइंस्पेक्टर आर के यादव भी जांच के लिए कोर्ट स्टेशन पहुंचे. उन्होंने पीड़ित युवक से पूछताछ की. मामले की सूचना वरीय अधिकारियों को तत्काल दी गयी और उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया. प्रथम दृष्टया गंभीर आरोप को देखते हुए समस्तीपुर रेल मंडल के सुरक्षा आयुक्त विजय प्रकाश ने मंगलवार की सुबह आरोपी समीर कुमार झा को निलंबित कर दिया. आरोपी कांस्टेबल को मंगलवार को समस्तीपुर तलब कर लिया गया है.
जांच के लिए सीआईबी की टीम पहुंची पूर्णिया
मंगलवार को भी बनमनखी आरपीएफ सबइंस्पेक्टर ने मामले की तहकीकात की. वहीं अपराध की प्रकृति को देखते हुए मामले को पूर्णिया जंक्शन जीआरपी को सुपुर्द कर दिया गया. वहीं दोपहर में जानकी एक्सप्रेस से समस्तीपुर से आरपीएफ की क्राइम इंवेस्टिगेशन ब्रांच(सीआईबी) की टीम मामले की जांच के लिए पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पहुंची. जांच टीम दो सदस्यीय था जिसमें इंस्पेक्टर राम उदार मिश्रा और प्रधान आरक्षी मो अब्बास शामिल थे. टीम के सदस्यों ने पीड़ित युवक से बंद कमरे में पूछताछ की. हालांकि सीआईबी की टीम ने कुछ भी बताने से इंकार किया. टीम के सदस्यों ने कहा कि वे अपनी जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौंपेगे. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सीआईबी की टीम जीआरपी से बात कर आगे की कार्रवाई तय करेगी.
जीआरपी थाना में दर्ज होगा एफआईआर
मिली जानकारी अनुसार मंडल सुरक्षा आयुक्त ने बनमनखी आरपीएफ सबइंस्पेक्टर को मामले की जांच के लिए सभी तथ्य और कागजात जंक्शन जीआरपी थाना को देने का निर्देश दिया है. दरअसल पीड़ित युवक द्वारा जो यौन शोषण के आरोप लगाये गये हैं, उसकी जांच जीआरपी ही कर सकती है. आरपीएफ का कार्य रेल संपत्ति की सुरक्षा से जुड़ा होता है. हालांकि तमाम कवायद के बावजूद मंगलवार की शाम तक आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हो सका था. जीआरपी थानाध्यक्ष वी पी सिंह के अनुसार पहले मामले की जांच की जायेगी और आरोपी कांस्टेबल से पूछताछ की जायेगी. उसके बाद ही मामला दर्ज किया जा सकेगा.
1 घंटा 40 मिनट तक बंधक बना रहा था युवक
पीड़ित युवक ने सीआईबी की टीम के सामने जो 20 मई की रात का घटनाक्रम सुनाया तो टीम के सदस्य भी हतप्रभ रह गये. युवक ने बताया कि 20 मई की रात लगभग 10 बजे स्टेशन परिसर स्थित एक पान की दुकान से समीर उसे अपने सरकारी आवास तक ले गया और रायफल की नोक पर उसे कपड़ा उतारने को विवश किया. उसे 01 घंटे 40 मिनट तक बंधक बना कर रखा और अप्राकृतिक यौनाचार किया. उसके बाद उसे छोड़ा गया और कहा गया कि 20 मिनट के अंदर उसके घर के पास रहनेवाली लड़की को साथ लेकर आये. शराब के नशे में धुत्त समीर ने उसके बाद अपने मोबाइल नंबर 8969180664 से युवक के मोबाइल नंबर 7808627534 पर लगातार 40 मिनट तक फोन कर धमकाता रहा. एक बार समीर ने 18 मिनट और दूसरी बार 22 मिनट तक बातचीत किया. जिस बातचीत को पीड़ित युवक ने अपने एक मित्र के सहयोग से टेप कर लिया.
समीर के आतंक से आसपास के लोग थे परेशान
यूं तो कोर्ट स्टेशन में तीन आरपीएफ के जवान पदस्थापित थे लेकिन समीर का स्टेशन परिसर में आतंक कायम था. कोर्ट स्टेशन के आसपास सरकारी जमीन में बसे गरीब परिवारों के बीच उसके चरित्र की वजह से लोग दहशत में रहा करते थे. शराब का आदी रहा समीर दिसंबर माह में रेलवे किनारे बसे कुछ घरों में घुस कर महिलाओं के साथ छेड़खानी किया था. तब मामले की शिकायत उपमहापौर संतोष कुमार यादव ने रेल एसपी से भी की थी. दो माह पहले समीर ने स्थानीय युवकों के साथ नशे की हालत में मारपीट किया था तो हंगामा भी हुआ था. वहीं समीर बालकृष्ण नगर में भी महिलाओं के साथ छेड़खानी कर चुका है. इसके अलावा समीर पर पहले भी लोगों से अवैध वसूली का आरोप लग चुका था. बावजूद समीर पर कोई कार्रवाई नहीं होना आरपीएफ महकमे की मंशा पर एक बड़ा सवालिया निशान है.
क्या कहते हैं अधिकारी
गंभीर आरोप को देखते हुए कांस्टेबल समीर कुमार झा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए समस्तीपुर बुला लिया गया है. मामले की जांच स्थानीय स्तर पर होने के बाद सीआईबी द्वारा भी की जा रही है. जीआरपी थाना में शीघ्र ही मामला दर्ज कराया जायेगा. मामले में दोषी पाये जाने पर आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी. पीड़ित युवक को न्याय मिलेगा और किसी भी प्रकार की लीपापोती नहीं की जायेगी. (विजय प्रकाश पंडित, मंडल सुरक्षा आयुक्त, समस्तीपुर)