नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कालाधन विदेश में छुपाने संबंधी कुछ साल पहले आयी चर्चित एचएसबीसी बैंक सूची से जुड़ी फेमा जांच के सिलसिले में डाबर समूह के निदेशक प्रदीप बर्मन की 20.87 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कहा कि उसने विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत कार्रवाई करते हुए यह संपत्ति कुर्क की है. इसमें हुडको और आईआरएसफसी के 50,000 करमुक्त बांड भी शामिल हैं.
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एचएसबीसी की भारतीयों पर लीक सूची के आधार पर आयकर विभाग ने बर्मन के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. इसी के आधार पर ईडी ने मामले में जांच की थी. आयकर विभाग के मामले में अभी मुकदमा चल रहा है. एजेंसी ने कहा कि ये संपत्तियां तब कुर्क की गयीं, जबकि यह सामने आया कि बर्मन ने स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में एचएसबीसी बैंक में 32.12 लाख डॉलर जमा कराये थे. उन्होंने 2007-08 के आयकर रिटर्न में इस राशि को नहीं दिखाया था.
ईडी ने कहा कि जांच में सामने आया है कि बर्मन ने फेमा की धारा चार का उल्लंघन करते हुए एचएसबीसी ज्यूरिख में 32.12 लाख डॉलर जमा कराये थे. बर्मन डाबर इंडिया लिमिटेड, सनत प्रोडक्स लिमिटेड एंड आयुर्वेद, रत्ना कमर्शियल एंटरप्राइजेज में निदेशक हैं. इसके अलावा, वह बर्मन परिवार के ट्रस्ट डॉ एसके बर्मन चैरिटेबल ट्रस्ट में न्यासी भी हैं.
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