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दुर्गापूजा तक सरकारी कर्मचारियों पर बरस सकती है ममता की कृपा, वेतन में हो सकता है इजाफा
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के संबंध में सोमवार को कहा कि इस संबंध में दुर्गापूजा तक फैसला लिया जायेगा. साथ ही उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से जो वादा किया था, उसे निभाया है और आगे भी निभायेंगी. […]
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के संबंध में सोमवार को कहा कि इस संबंध में दुर्गापूजा तक फैसला लिया जायेगा. साथ ही उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से जो वादा किया था, उसे निभाया है और आगे भी निभायेंगी. हालांकि, कर्मचारियों का वेतन कितना बढ़ेगा, इस संबंध में उन्होंने फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी. उन्होंने कहा कि दुर्गापूजा तक सरकारी कर्मचारियों को खुशखबरी देगी.
सिविक वॉलेंटियरों का बढ़ा वेतन
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात सिविक वॉलेंटियरों के वेतन में वृद्धि करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इनके वेतन को 5,500 रुपये से बढ़ा कर आठ हजार रुपये करने की घोषणा की. इनके वेतन में एक बार में ही 2500 रुपये की वृद्धि करने की घोषणा की. अक्तूबर 2018 से यह सिविक वॉलेंटियरों को बढ़ा हुआ वेतन दिया जायेगा. साथ ही अब सिविक वॉलेंटियर 60 वर्ष की उम्र तक नौकरी कर पाएंगे. गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न जिलों में लगभग 1.30 लाख सिविल वॉलेंटियर तैनात हैं. इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन सिविक वॉलेंटियरों को जूनियर होमगार्ड की ट्रेनिंग देने की घोषणा की. सिर्फ यही नहीं, होमगार्ड के बाद प्रशिक्षित वॉलेंटियराें को कांस्टेबल की भी ट्रेनिंग दी जायेगी.
आंगनबाड़ी व आशा कर्मियों पर भी मेहरबान हुई मुख्यमंत्री : सिर्फ यहीं नहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के आंगनबाड़ी कर्मी व आशा कर्मियों पर भी मेहरबान हुई हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आशा कर्मियों के वेतन में 500 रुपये व आंगलबाड़ी कर्मियों के वेतन में एक हजार रुपये की वृद्धि करने की घोषणा की. अब इनको भी दो हजार रुपये की बजाय तीन हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा. इससे 50 हजार आशा कर्मी व 2.3 लाख आंगनबाड़ी कर्मी लाभान्वित होंगे.
राज्य के लिए योगदान करनेवालों की हुई थी उपेक्षा : मुख्यमंत्री
कोलकाता. पश्चिम बंगाल के लिए योगदान करनेवाले साहित्यकार व कलाकारों को यहां की पुरानी सरकार ने हमेशा की उपेक्षा की है. यहां के कलाकारों को जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिलती थी, लेकिन बंगाल को उनको सही सम्मान नहीं मिलता था. वर्ष 2011 में सत्ता परिवर्तन के बाद तृणमूल कांग्रेस की सरकार बंगाल के साहित्यकार, कलाकार व मनीषियों को सम्मानित करने के लिए बंग विभूषण व बंग भूषण सम्मान प्रदान कर रही है और वर्तमान सरकार ने यह नई परंपरा शुरू की है और हर वर्ष राज्य सरकार द्वारा उन्हें सम्मानित किया जा रहा है. यह बातें सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नजरूल मंच में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान कहीं. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन मनीषियों को बंग विभूषण व बंग भूषण से सम्मानित किया. गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक वर्ष फिल्म जगत, प्रशासन, चिकित्सा व संस्कृति जगत के मनीषियों को यह सम्मान प्रदान करती है. इस वर्ष राज्य सरकार की ओर से बंगाल विभूषण अवार्ड प्रख्यात गायिका आशा भोसले को प्रदान किया गया. इनके अलावा श्यामल सेन, समरेश मजूमदार, प्रसेनजीत चटर्जी, सुब्रत भट्टाचार्य, गिरिजा शंकर राय, मोहम्मद हबीब व सुहृद भौमिक को बंग विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया, वहीं, श्रीराधा बंद्योपाध्याय, पार्थ घोष, अरुंधति होमचौधरी को बंग भूषण प्रदान किया गया.
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