II शकील अख्तर II
बोकारो स्टील प्लांट के कुछ कर्मचारी और अधिकारी ने की गड़बड़ी
नयी दिल्ली : आयकर विभाग में 10 करोड़ रुपये का रिफंड घोटाला हुआ है. भारत सरकार के राजस्व सचिव को इसकी गुप्त सूचना मिलने के बाद आयकर विभाग ने विस्तृत जांच शुरू कर दी है. करीब 2000 कर्मचारियों व अधिकारियों की ओर से दाखिल किये गये आयकर रिटर्न और रिफंड के दावों की जांच की जी रही है. अब तक 100 से अधिक मामलों की जांच पूरी की जा चुकी है. इसमें घोटाले की पुष्टि हुई है. अपनी वास्तविक आमदनी का गलत ब्योरा देकर रिफंड लिये जाने की बात सामने आयी है. जांच पूरी होने के बाद गड़बड़ी कर रिफंड लेनेवालों के साथ घोटाले में शामिल सभी दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.
बताया जाता है कि भारत सरकार के राजस्व सचिव को शिकायती पत्र मिला था. इसमें कहा गया था कि बोकारो स्टील प्लांट के कुछ अधिकारी और कर्मचारी 2010-11 से अपने आयकर रिटर्न में गलत ब्योरा देकर कंपनी की ओर से टैक्स के रूप में काटी गयी रकम में से रिफंड ले रहे हैं.
इस गड़बड़ी में कुछ वकील, सीए और टैक्स सलाहकार भी शामिल हैं. आयकर विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसा किया जा रहा है. पत्र में कहा गया है कि 2010-11 से 2013-14 तक गलत ढंग से करीब 10 करोड़ रिफंड लिये जाने का अनुमान है.
केंद्रीय राजस्व सचिव ने दिया था जांच का आदेश
शिकायती पत्र मिलने के बाद राजस्व सचिव ने इसकी जांच करने और दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके बाद रांची के आयकर उपायुक्त (टीडीएस) प्रदीप डुंगडुंग ने पिछले दिनों बोकारो में सर्वे किया.
इसमें मिले साक्ष्यों के बाद करीब 2000 लोगों को आयकर रिटर्न और उनके दावों को जांच के लिए चुना गया. सूत्रों के अनुसार इसमें से अब तक करीब 100 मामलों की जांच की जा चुकी है. इसमें गलत ब्योरा देकर रिफंड लेने का मामला पकड़ में आया है. जांच पर दिल्ली के वरीय अधिकारी नजर रखे हुए हैं.
क्या है रिफंड घोटाला
आयकर अधिनियम में निहित प्रावधानों के तहत किसी कंपनी को स्रोत पर ही टैक्स की कटौती करनी है. इसलिए कंपनी अपने कर्मी के वेतन और सुविधाओं पर लगनेवाले टैक्स की कटौती कर सरकारी खजाने में पैसा जमा करा देती है. कटौती का ब्योरा अपने रिटर्न में दाखिल करती है.
कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर व्यक्तिगत तौर पर अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने की बाध्यता है. जांच में पाया गया कि कर्मचारियों ने अपने आयकर रिटर्न में सिर्फ वेतन का उल्लेख किया. सुविधाओं के ब्योरे के छिपाते हुए यह कहा कि कंपनी ने टैक्स के मद में ज्यादा की कटौती कर ली. इसलिए टैक्स के रूप में काटी गयी अधिक राशि उन्हें वापस कर दी जाये. आयकर अधिकारियों ने इन दावों की पूरी जांच-पड़ताल किये बिना ही रिफंड का आदेश जारी कर दिया.