नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने 2,000 मेगावाट सौर परियोजनाओं की नीलामी की योजना जून के पहले सप्ताह तक के लिए टाल दी है. कंपनियों की इस नीलामी से पहले राज्यों के बीच बिजली पारेषण के मुद्दे के समाधान की मांग को देखते हुए यह कदम उठाया गया. उद्योग सूत्रों के अनुसार, इसके अलावा सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) 2,000 मेगावाट की सौर क्षमताओं के लिए बोली आगे बढ़ा सकती है. इसकी नीलामी जून के पहले सप्ताह में होनी है.
इसे भी पढ़ें : सौर ऊर्जा के लिए जल्द आयेगी नीति
सूत्रों के अनुसार, एनटीपीसी की 2,000 मेगावाट सौर क्षमताओं के लिए बोली 21 मई, 2018 को लगायी जानी थी. इसे अब आगे बढ़ाकर जून के पहले सप्ताह में कर दिया गया है. सौर ऊर्जा विकास से जुड़ी कंपनियों ने अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली के जरिये बिजली पारेषण के लिए कनेक्टिविटी के संदर्भ में होने वाली कठिनाइयों को लेकर चिंता जतायी थी. इस पर विचार करते हुए उक्त कदम उठाया गया. सोलर पावर डेवलपर्स एसोसिएशन ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) को पत्र लिखकर सौर ऊर्जा की नीलामी तब तक के लिए टालने को कहा था, जब तक अंतर-राज्यीय पारेषण के जरिये कनेक्टिविटी से जुड़े मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता.
कंपनियों ने बोली से पहले एमएनआरई और एसईसीआई के अधिकारियों के साथ पिछले सप्ताह हुई बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था. सरकार ने 2018-19 और 2019-20 में 60,000 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमताओं की नीलामी की योजना बनायी है, ताकि 2022 तक 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. मार्च, 2020 तक सौर क्षमता की नीलामी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर के बाद सौर परियोजना को पूरा करने में 15 महीने का समय लगता है. भारत की सौर ऊर्जा क्षमता फिलहाल 22,000 मेगावाट है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.