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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भारी उलटफेर
टीएमसी के प्रधान भी नहीं बचा पाये अपनी सीट कई क्षेत्रीय दिग्गज नेताओं को करना पड़ा हार का सामना बिन्नागुड़ी : बिनागुड़ी त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव में उलटफेर हुआ है. दशकों से राजनीति करने वाले धुरंधर नेताओं को अपनी सीट बचाने के लिए नाको चने चबाने पड़े. इस चुनाव में 5 साल से प्रधान रहे […]
टीएमसी के प्रधान भी नहीं बचा पाये अपनी सीट
कई क्षेत्रीय दिग्गज नेताओं को करना पड़ा हार का सामना
बिन्नागुड़ी : बिनागुड़ी त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव में उलटफेर हुआ है. दशकों से राजनीति करने वाले धुरंधर नेताओं को अपनी सीट बचाने के लिए नाको चने चबाने पड़े. इस चुनाव में 5 साल से प्रधान रहे टीएमसी के संजय उरांव भी अपना सीट नहीं बचा पाए. वहीं टीएमसी के अंचल प्रेसिडेंट स्वपन राव भी चुनाव हार गये. बिन्नागुड़ी तृणमूल कांग्रेस युवा अंचल कमेटी प्रेसिडेंट एवं बिनागुड़ी व्यवसायी समिति के सचिव विजय प्रसाद भी चुनाव हार गए. बानरहाट ब्लॉक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बलराम राय भी रंजीत दे के हाथों हार गए. हालांकि कांग्रेस ने पूरे जलपाईगुड़ी जिले में बिनागुड़ी अंचल में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 9 ग्राम पंचायतों की सीटें जीतने में कामयाब हुई.
आरएसपी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले राजा जायसवाल तीसरी बार किस्मत आजमा रहे थे. किस्मत ने इस बार उनका भी साथ नहीं दिया. अंचल कमेटी में भाजपा ने पहली बार 7 सीटें एवं एक समिति जीतकर इतिहास रच दिया है. इसी प्रकार से बिन्नागुड़ी अंचल एवं बानरहाट इलाके में राजनीतिक प्रभाव रखने वाले दिग्गजों की इस बार हार से जनता ने यह संदेश दे दिया है कि कद और पद मायने नहीं रखता. जनता ने नई उम्मीदों के साथ बिनागुड़ी अंचल कमेटी में त्रिशंकु जनादेश दिया है.
यहां कुल 23 पंचायत सदस्यों वाली पंचायत बोर्ड है जिसमें (9 कांग्रेस), (7 सात बीजेपी), (6 तृणमूल) एवं एक सीपीआईएम ने जीत दर्ज किया है. वहीं समिति के 3 सीटें है, जिसमें एक समिति बीजेपी के बानरहाट ब्लॉक प्रेसिडेंट उमेश यादव एवं दो टीएमसी के उम्मीदवार विजय हुए हैं. पहली बार चुनाव में उतरे युवाओं ने दिग्गजों को हराने में बड़ी भूमिका निभाई. दीपक बप्पा श्याम कांग्रेस उम्मीदवार ने तृणमूल कांग्रेस के अंचल प्रसिडेंट स्वपन राय को 5 मतों से हराकर पहली बार पंचायत सदस्य चुने गए.
बानरहाट ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बलराम राय को तृणमूल कांग्रेस के रणजीत दे पहली बार चुनाव में खड़े होकर शिकस्त दी. अब देखना होगा कि बिनागुड़ी ग्राम पंचायत की त्रिशंकु बोर्ड किस प्रकार से गठन होता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस एवं बीजेपी मिलकर पंचायत बोर्ड बना सकती है. इसका मुख्य कारण है कि दोनों पार्टियों ने तृणमूल कांग्रेस के पंचायत बोर्ड की अनीति के खिलाफ जीत हासिल की है.
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