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हो जाएं सतर्क, 17 से 36 साल के लोग सबसे ज्यादा झेल रहे रीढ़ की हड्डी का दर्द, अनदेखी पड़ती है भारी
पटना : राजधानी के युवाओं को खासतौर पर फिजिकल फिटनेस को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. अन्य जिलों की तुलना में पटना में लोग सबसे अधिक स्पाइन से संबंधित समस्याओं से पीड़ित हैं. हैरान करने वाली बात तो यह है कि पटना में यह समस्या सबसे अधिक 17 से 36 साल के लोगों को […]
पटना : राजधानी के युवाओं को खासतौर पर फिजिकल फिटनेस को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. अन्य जिलों की तुलना में पटना में लोग सबसे अधिक स्पाइन से संबंधित समस्याओं से पीड़ित हैं. हैरान करने वाली बात तो यह है कि पटना में यह समस्या सबसे अधिक 17 से 36 साल के लोगों को प्रभावित कर रही है.
बिहार ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर से दी गयी रिपोर्ट में स्पाइन से सबसे अधिक युवा वर्ग पीड़ित है. प्रदेश में हर पांचवां व्यक्ति रीढ़ की हड्डी के दर्द से पीड़ित है. एसोसिएशन ने बीमारी से बचाव व उन्हें जागरूक करने को कहा है.
इस तरह हुआ अध्ययन
बिहार ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन, एनएमसीएच, पीएमसीएच व आईजीआईएमएस के हड्डीरोग विभाग की संयुक्त डॉक्टरों की टीम ने पूरे बिहार में अलग-अलग जगहों पर जांच कैंप लगाया. इसमें 20 हजार मरीजों की हड्डियों की जांच की गयी. इसमें अधिकांश मरीजों में रीढ़ की हड्डी की समस्याएं देखने को मिलीं. इसमें सबसे अधिक महिलाएं पीठ के दर्द से परेशान दिखीं.
बिहार ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस और पीएमसीएच के हड्डी रोग डॉक्टरों की संयुक्त टीम द्वारा 20 हजार मरीजों पर किये गये अध्ययन में हुए चौंकानेवाले खुलासे
सबसे अधिक स्पाइन और पीठ दर्द से लोग हैं परेशान
अनदेखी पड़ती है भारी
नालंदा मेडिकल कॉलेज के स्पाइन रोग विशेषज्ञ व सर्जन डॉ महेश प्रसाद ने बताया कि 30 से 35 साल के कई युवा एनएमसीएच में स्पाइन की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं. किसी समय में स्पाइन सर्जरी को काफी जटिल माना जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग स्पाइन के दर्द और पीठ संबंधी समस्या की अनदेखी कर देते हैं. कुछ ऐसे भी लोग हैं, झोलाछाप डॉक्टरों से ट्रीटमेंट कराने लगते हैं.
पटना में रीढ़ की समस्या की अनेदखी करने वालों की तादाद लगभग 40 प्रतिशत सामने आयी है. मरीजों की यह अनदेखी बहुत चिंता जनक है. वहीं अगर रोग ठीक नहीं होता है तो अंत में ऑपरेशन किया जाता है.
जॉब में अधिक परेशानी
शरीर में पानी की कमी न होने दें
बिहार ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन के सचिव डॉ राजीव आनंद ने कहा कि पीठ दर्द व कूल्हे से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ज्यादातर युवा पीठ दर्द की शिकायत के साथ डॉक्टर के यहां पहुंचते हैं.
इसकी एक बड़ी वजह लाइफ स्टाइल में आया बदलाव है और शरीर में पानी की कमी है. अक्सर लोग काम की व्यस्तता में पानी पीना भूल जाते हैं. शरीर में पानी की कमी स्पाइन सहित नसों के दर्द के लिए जिम्मेदार है. काम के दौरान भी थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें. शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी रहेगा, तो स्पाइन के दर्द की आशंका कम रहेगी
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