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बिहार : कोर्ट में ही दो सिपाहियों ने महज 400 लेकर बम व हथियार वैन में रखने में की थी मदद

15 मई को बम विस्फोट कर कैदी वैन से भागने का किया गया था प्रयास झोले में ऊपर से फल और पानी रख कर बम को नीचे रख दिया गया था पटना : बेऊर थाने के दशरथा मोड़ पर बम विस्फोट कर कैदियों के भागने की योजना में पटना पुलिस के एक सिपाही अनुल अंसारी […]

15 मई को बम विस्फोट कर कैदी वैन से भागने का किया गया था प्रयास
झोले में ऊपर से फल और पानी रख कर बम को नीचे रख दिया गया था
पटना : बेऊर थाने के दशरथा मोड़ पर बम विस्फोट कर कैदियों के भागने की योजना में पटना पुलिस के एक सिपाही अनुल अंसारी और सैप जवान विद्यासागर राय ने अपराधियों की मदद की थी. इन दोनों ने अमरजीत से मात्र 400 रुपये लिये और हथियार व बम से भरा बैग सोनू व सिकंदर को देने के लिए दे दिया और वे दोनों हथियार व बम लेकर वैन में सवार हो गयेे. झोला में ऊपर से फल व पानी रख कर बम को नीचे रख दिया गया था.
सूत्रों के अनुसार दोनों जवान हमेशा पैसा लेकर कैदियों को कुछ भी सामान देने की इजाजत दे देते थे, जो उस दिन भी उन्होंने किया. जांच के बाद उन दोनों की संलिप्तता सामने आयी और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन दोनों को निलंबित भी कर दिया गया है और बर्खास्तगी की भी कार्रवाई की जायेगी.
एसएसपी ने बताया कि दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन दोनों ने पैसे लेकर बम और हथियार के झोला को कैदियों तक पहुंचाने में मदद की थी. बदमाशों की योजना थी कि पटना सिटी कोर्ट से ही फरार हो जाये, लेकिन वहां सफल नहीं हो पाये, तो फिर पटना सिटी चौक पर प्रयास किया. लेकिन, वहां भी सफल नहीं हो पाये. फिर दशरथा मोड़ पर बमबाजी व फायरिंग की मदद से निकल भागने का प्रयास किया. लेकिन, वैन में माैजूद जवानों ने हिम्मत का परिचय देते हुए कैदी वैन को वहां से लाया और बेऊर जेल परिसर के अंदर प्रवेश करा दिया.
अमित को खोज
रही पुलिस : इस घटना में शामिल तमाम अपराधियों को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, पटना सिटी के चौक का रहनेवाला अमित कुमार फिलहाल फरार है. अमित ने ही अमरजीत को बमों और हथियार का थैला सजा कर दिया था. उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार पुलिस छापेमारी कर रही है.
22 कैदियों की हुई थी पेशी
यह घटना 15 मई को हुई थी. बेऊर जेल से 22 कैदियों से भरी वैन को पटना सिटी कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया था और वहां से लौटने के क्रम में दशरथा मोड़ पर बमबाजी व फायरिंग कर सिपाहियों की हत्या कर भागने की योजना थी. हालांकि, इस साजिश को विफल करने के साथ ही पुलिस ने घटना को अंजाम देने में शामिल मो असलम उर्फ कलकवा, अविनाश कुमार उर्फ चंकी, विक्की कुमार, गोलू ठठेरा, सन्नी मलिक, गोलू कुमार और अमरजीत कुमार को चौक थाने के मंगल तालाब इलाके से अपराध की योजना बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया था.
इसके पास से पुलिस ने हथियार और बम बरामद किया था. साथ ही पुलिस की एक टीम लगातार इस बात की जांच में लगी थी कि आखिर हथियार व बम से भरा झोला सोनू व सिकंदर तक कैसे पहुंचा था? इस जांच के बाद ही यह सामने आया कि कैदियों के सामानों की जांच एनुल अंसारी व विद्यासागर राय कर रहे थे और उन लोगों ने ही झोला को सोनू व सिकंदर को देने की इजाजत दे दी थी.
सोनू, सिकंदर व अमरजीत तीनों एक साथ ही जेल में बंद थे. इसी दौरान पूरी प्लानिंग जेल के अंदर ही बनी थी और घटना के दस दिन पूर्व ही अमरजीत रिहा हुआ था.
इसके बाद उसने अन्य अपराधियों के साथ मिल

कर सोनू व सिकंदर को
छुड़ाने की पूरी योजना बना डाली थी. अमरजीत ने ही दोनों सिपाहियों से बात की थी और अपराधियों से 50
हजार में छुड़ाने के लिए सहयोग मांगा था और 25 हजार दे दिया था.
पकड़े गये दोनों जवान हमेशा पैसा लेकर कैदियों को पहुंचा देते थे सामान
पटना : पकड़े गये सिपाही हमेशा ही कैदियों को उनके परिजनों द्वारा दिये गये सामान को दो-चार सौ रुपये लेकर पहुंचा देते थे. यह उनके रोजमर्रा में शामिल था.
सूत्रों का कहना है कि अनुल अंसारी व विद्यासागर राय ही केवल ऐसा नहीं करते थे, बल्कि कैदियों की सुरक्षा में रहे अन्य सुरक्षाकर्मी भी यहीं करते है. इस बात की पुष्टि आसानी से किसी भी कोर्ट परिसर में आसानी से हो जाती है. सिपाही जब कोर्ट में पेशी कराने के बाद लौटते है तो दुकान से सामान खरीदवाने में मदद करते है और इसके एवज में कैदियों से पैसा लेते है.
इसलिए यह पहली घटना नहीं है जब किसी सिपाही ने पैसे लेकर सामान को कैदियों तक और वहां से जेल गेट और फिर जेल के अंदर ले जाया गया है. आमतौर पर आपत्तिजनक सामान कोर्ट के हाजत के समय ही कैदियों के पास पहुंच जाते है और फिर वह जेल गेट पर मौजूद सिपाहियों की मिलीभगत या फिर लापरवाही से जेल के अंदर भी पहुंच जाते है.
आरा में बम विस्फोट की घटना के बाद पटना के तल्कालीन एसएसपी जीतेंद्र राणा ने भी छापेमारी की थी तो पटना सिविल कोर्ट हाजत के अंदर बंद कैदियों के पास से सिम व अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किये गये थे और इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.

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