फिर गुलजार होगी अपनी सिंदरी. सात हजार करोड़ का होगा निवेश, दो हजार लोगों को नौकरी
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प्रधानमंत्री मोदी लिखेंगे 25 को नयी सिंदरी की गाथा
फिर गुलजार होगी अपनी सिंदरी. सात हजार करोड़ का होगा निवेश, दो हजार लोगों को नौकरी अतीत के पन्नों से जब पंडित नेहरू ने सिंदरी को सुंदरी कहा था सिंदरी खाद कारखाना का उद्घाटन दो मार्च 1952 को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था. देश के पहले सार्वजनिक उद्योग का […]
अतीत के पन्नों से
जब पंडित नेहरू ने सिंदरी को सुंदरी कहा था
सिंदरी खाद कारखाना का उद्घाटन दो मार्च 1952 को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था. देश के पहले सार्वजनिक उद्योग का उद्घाटन करते हुए तत्कालीन पीएम ने सिंदरी को भूलवश सुंदरी कह दिया था. इस पर दर्शक दीर्घा में उठी हंसी के फव्वारे को देख कर उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ. इस पर अपने शब्द वापस लेने की बजाय पंडित नेहरू ने कहा कि हरित क्रांति के जिस पुनीत उद्देश्य से सिंदरी खाद कारखाना की स्थापना की गयी है तथा जिस सुनियोजित तरीके से देश के इस सर्वप्रथम औद्योगिक नगर को बसाया गया है,
उस हिसाब से सिंदरी वास्तव में भारत सुंदरी कही जा सकती है. इस दौरान सिंदरी में खिले पलाश के फूलों की लालिमा का जिक्र करते हुए पंडित नेहरू ने कहा था कि मेरी यह तीव्र इच्छा है कि सिंदरी और चित्तरंजन लोकोमोटिव जैसे पलाश के फूल आजाद भारत में जगह-जगह खिले. कहा था कि जिन जवान लोगों ने सिंदरी को नगर बनाया है, उनसे मुझे ईर्ष्या हो रही है कि काश मैं भी उनमें एक होता.
सिंदरी : डेढ़ दशक बाद एक बार फिर सिंदरी भारत के औद्योगिक मानचित्र पर चमकने को तैयार है. सिंदरी एक बार फिर इंडस्ट्रियल हब बनेगा. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों की सिंदरी बनेगी. नयी सिंदरी की गाथा लिखने को पीएम 25 मई को बलियापुर आ रहे हैं. वहीं से वह नये कारखाने का शिलान्यास करेंगे. सिंदरी में गैस आधारित खाद कारखाना खुलेगा.धनबाद जिला मुख्यालय से लगभग 26 किमी दूर सिंदरी में आजाद भारत का पहला सार्वजनिक लोक उपक्रम सिंदरी खाद कारखाना खुला था. देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एफसीआइ सिंदरी का उद्घाटन दो मार्च 1952 को किया था.
कालांतर में इस उद्योग ने कई उतार-चढ़ाव देखे. बाद में लगातार घाटे के कारण वर्ष 2002 में केंद्र की तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने सिंदरी सहित एफसीआइ के सभी खाद कारखानों को बंद कर दिया. इसके बाद से पिछले 16 वर्षों से सिंदरी सहित पूरे धनबाद में यह एक बड़ा चुनावी व राजनीतिक मुद्दा बना रहा. खाद कारखाना बंद होने के बाद सिंदरी उजड़ने लगी.
ढाई वर्षों में बनेगा कारखाना, फ्रांस की कंपनी करेगी निर्माण : हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) की तरफ से सिंदरी में गैस आधारित खाद कारखाना लगाने की योजना धरातल पर उतारने की तैयारी पूरी हो चुकी है. हर्ल के एडिशनल जीएम एमसी कर्ण के अनुसार प्लांट निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है. फ्रांस की कंपनी टेक निप को प्लांट निर्माण का काम मिला है. बंद पुराने खाद कारखाने से स्क्रैप हटाने का काम शुरू हो चुका है. स्क्रैप हटते ही नये प्लांट का निर्माण शुरू होगा. 25 मई को पीएम नरेंद्र मोदी इस कारखाना का बलियापुर हवाई अड्डा से ऑनलाइन शिलान्यास करेंगे. इसके साथ ही नयी सिंदरी की परिकल्पना साकार होना शुरू होगी. श्री कर्ण के अनुसार हर्ल ने दिसंबर 2020 तक इस खाद कारखाना के निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है.
बंदी के डेढ़ दशक पुराने कलंक धोने को तैयार भाजपा
फैक्ट फाइल
7000 करोड़ रुपये का निवेश होगा सिंदरी प्लांट में
400 लोगों को मिलेगी हर्ल के इस प्लांट में स्थायी नौकरी.
1600 तकनीकी-गैर तकनीकी कर्मी को आउटसोर्स पर रखा जायेगा.
5000 लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना.
695 एकड़ जमीन पर बनेगा कारखाना एवं आवासीय परिसर.
किस कंपनी की हर्ल में कितनी हिस्सेदारी
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) में पांच कंपनियों की हिस्सेदारी है. इसमें इंडियन ऑयल लिमिटेड (आइओसी), कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल), एनटीपीसी की 89 प्रतिशत साझेदारी है. जबकि एसफसीआइएल एवं एचएफसीएल का 11 प्रतिशत शेयर है. जमीन एफसीआइएल की है.
भाजपा के लिए बड़ा चुनावी मुद्दा
वर्ष 2002 में जब यह खाद कारखाना बंद हुआ था, संयोग से उस समय केंद्र एवं झारखंड दोनों जगह भाजपा की सरकार थी. आज जब यह कारखाना फिर से खुल रहा है तब भी केंद्र एवं राज्य दोनों जगह भाजपा की ही सरकार है. भाजपा पर फैक्ट्री बंद कराने का जो कलंक था, वह धुलने वाला है. आने वाले लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में सिंदरी खाद कारखाना को भाजपा बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकती है. पार्टी पूरे राज्य में इसको लेकर जनता के बीच जाने को तैयार है.
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