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मिशन आइआइटी : जेइइ एडवांस्ड-2018 तैयारी में न रह जाये कोई कसर

आइआइटी के बीटेक प्रोग्राम में प्रवेश का सपना लिये हजारों छात्रों के सामने राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा जेइइ एडवांस्ड 2018 की बाधा को पार करने की सबसे बड़ी चुनौती है. निश्चित ही इस चुनौती से पार पाने के लिए जीतने का जज्बा ही आपका इस समय सबसे करीबी साथी है. जब आप लक्ष्य के बिल्कुल […]

आइआइटी के बीटेक प्रोग्राम में प्रवेश का सपना लिये हजारों छात्रों के सामने राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा जेइइ एडवांस्ड 2018 की बाधा को पार करने की सबसे बड़ी चुनौती है. निश्चित ही इस चुनौती से पार पाने के लिए जीतने का जज्बा ही आपका इस समय सबसे करीबी साथी है.
जब आप लक्ष्य के बिल्कुल करीब आ पहुंचे हैं, तो उसे भेदने के लिए अपनी एकाग्रता, धैर्य और समर्पण को बरकरार रख आगे बढ़ें. परीक्षा में अलग-अलग प्रकार के प्रश्नों को हल करने के तौर-तरीकों, बचे समय का अधिकाधिक उपयोग, विशेषज्ञों के सुझाव के साथ प्रस्तुत है विशेष पेज शृंखला का दूसरा अंक..
अंतिम दौर की तैयारी के लिए हो खास प्लान
जेइइ एडवांस परीक्षा-2018 की तैयारी को समेटने में जुटे छात्रों को खास प्लान बनाकर पूरे सिलेबस को कवर करना चाहिए, क्योंकि परीक्षा के लिहाज से सभी टॉपिक अनिवार्य हैं.
कंसेप्ट पर विशेष फोकस : अंतिम दौर की तैयारी में कंसेप्ट को लेकर किसी प्रकार की उलझन तैयारी पर पानी फेर सकती है. जेइइ एडवांस्ड में आमतौर पर विश्लेषणात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए कंसेप्ट पर फोकस रखना बेहद अनिवार्य है.
हर विषय का है महत्व : अक्सर आसान लगनेवाले विषय पर अधिक समय खर्चते हैं, जिससे दूसरे विषय की तैयारी पर्याप्त नहीं हो पाती. पढ़ाई का यह तरीका ठीक नहीं है. जेइइ एडवांस्ड परीक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स तीनों की तैयारी पर बराबर ध्यान दें. मॉक टेस्ट और सैंपल पेपर की लेते रहें मदद: मॉक टेस्ट और सैंपल पेपर की तैयारी अहम भूमिका होती है.
इससे प्रश्नों को निर्धारित समय में हल करने की गति बढ़ती है और पेपर पैटर्न को समझने में आसानी होती है. पहली बार जेइइ एडवांस्ड का आयोजन ऑनलाइन किया जा रहा है. छात्रों की सुविधा के लिए आइआइटी कानपुर ने मॉक टेस्ट जारी किया है.
न रखें कोई संदेह : किसी भी टॉपिक को लेकर यदि आपके मन में किसी तरह का संदेह है, तो आपके पास अभी भी वक्त है अपने संदेह को टीचर या किसी एक्सपर्ट की मदद से दूर कर लें.
नोट्स से तैयारी का है महत्व : परीक्षा की तैयारी को लेकर अब तक छात्रों ने जो नोट्स तैयार किये हैं, उन्हें अच्छी तरह से दोहराएं. ये नोट्स छात्रों को इस अंतिम दौर की तैयारी में सभी टॉपिक्स का रिवीजन करने में मदद करेंगे.
आत्मविश्वासऔर धैर्य के साथ परीक्षा हॉल में करें प्रवेश
जेइइ एडवांस्ड की एक सुनियोजित तैयारी से ही परीक्षा हॉल में आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे पायेंगे. सफलता पाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने मस्तिष्क में अनावश्यक भ्रम, चिंता या तनाव को स्थान न दें. अंतिम क्षणों में होनेवाले तनाव से बचने के लिए कुछ सुझाव मददगार साबित हो सकते हैं.
प्रश्नों को देखते ही अनावश्यक तनाव कतई न पालें, सावधानी पूर्वक महत्वपूर्ण निर्देशों को पढ़ें. संभव है कि उन निर्देशों में कोई जरूरी और नयी सूचना मिले.
प्रश्नपत्र मिलते ही हल करने की जल्दबाजी बिल्कुल भी न करें, बल्कि शुरुआती कुछ मिनट प्रश्नों को देखने के लिए रखें. इससे प्रश्नपत्र के स्तर को समझने के साथ-साथ उसे नियत समय में हल करने में आसानी होगी.
पहले आसान प्रश्नों या पसंदीदा खंड को हल करना शुरू करें. ऐसा करने से आपका आत्मविश्वास बढ़ता जायेगा.किसी भी प्रश्न को हल करते समय उसे पूरी तरह समझें, तभी उसे हल करना शुरू करें. स्पष्ट नहीं होने पर शांति और धैर्य के साथ प्रश्न को दो-तीन बार पढ़ें और यह तय करें कि वास्तव में क्या पूछा जा रहा है.
जिन प्रश्नों को आप पहली बार में नहीं हल कर पाते, उन्हें टिक-मार्क करके छोड़ दें. फिर बचे हुए समय में उन्हें हल करने का प्रयास करें.
अपने उत्तर की समीक्षा करने और त्रुटियों को ठीक करने के लिए बाद में कुछ समय जरूर बचाकर रखें.
अक्सर छात्र पूरा प्रश्नपत्र हल कर लेने के बाद एक ही बार में आंसर-शीट भरते हैं. आप ऐसी गलती न करें, हर 5-10 प्रश्नों को हल करने के बाद आंसर-शीट भरते चलें, वरना आपका क्रम गलत हो जाने की संभावना हो सकती है. कट-ऑफ मार्क्स को लेकर आश्वस्त हो जाने के बाद तुक्का लगाने का प्रयास न करें.
बेहतर होगा कि पूरा प्रश्नपत्र हल कर लेने का जोखिम लेने के बजाय, जिन प्रश्नों के सही जवाब को लेकर आश्वस्त हैं, उसे ही हल करें.
यह समझना जरूरी है कि यदि प्रश्न कठिन आये हैं, तो वह सभी के लिए समान रूप से कठिन होंगे. इसलिए अतिरिक्त तनाव लेने की बजाय परीक्षा भवन की धैर्य बनाकर प्रश्नों को हल करते चलें.
परीक्षा से ऐन पहले तनाव का होना लाजिमी है, लेकिन इसे लेकर बहुत ज्यादा परेशान होना बिल्कुल गलत है. क्योंकि ऐसी स्थिति में आप जैसे हजारों छात्र हैं, जो यहां से कामयाबी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार एक निश्चित स्तर का तनाव हमारे प्रदर्शन को बढ़ाता है, लेकिन उससे ज्यादा तनाव प्रदर्शन को कम भी कर देता है.
निश्चित ही आइआइटी में प्रवेश का सपना लिये छात्रों के लिए यह परीक्षा एक निर्णायक मंच है. ऐसे में घबराहट के कई कारण हो सकते हैं. इस स्थिति से बचने के लिए अपनी तैयारी पर भरोसा रखें और खुद कोशांत रखें.

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