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शोभापुर कांड : सरकारी मदद को भटक रहे परिजन

पोटका : झारखंड सहित पूरे देश को हिला देने वाले शोभापुर कांड (बच्चा चोर के अफवाह में भीड़ द्वारा चार युवकों की हत्या) के एक साल बाद भी मृतकों के आश्रितों को न्याय नहीं मिला है. वहीं राज्य सरकार द्वारा घोषित मुआवजा अब तक नहीं मिला है. मृतक के आश्रित अपने रिश्तेदार के सहारे या […]

पोटका : झारखंड सहित पूरे देश को हिला देने वाले शोभापुर कांड (बच्चा चोर के अफवाह में भीड़ द्वारा चार युवकों की हत्या) के एक साल बाद भी मृतकों के आश्रितों को न्याय नहीं मिला है. वहीं राज्य सरकार द्वारा घोषित मुआवजा अब तक नहीं मिला है. मृतक के आश्रित अपने रिश्तेदार के सहारे या बदहाल स्थिति में जिंदगी गुजार रहे हैं.
घटना के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए ताबड़तोड़ गिरफ्तारी व प्राथमिकी दर्ज की. वहीं, राज्य सरकार ने मृतक के परिजनों को दो-दो लाख मुआवजा, पारिवारिक लाभ से 20-20 हजार रुपये व विधवा पेंशन देने की घोषणा की. घटना के एक साल बाद भी मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई. राजनगर थाना के शोभापुर और पदनामसाई में 18 मई 2017 को भीड़ ने बच्चा चोर के अफवाह में हल्दीपोखर के शेख हलीम, मो सज्जू व सेराज खान तथा फूलपाल (मुसाबनी) के मो नईम की हत्या कर दी थी.
पति सेराज की हत्या के समय दो माह की गर्भवती थी तारा
शोभापुर में एक साल पहले भीड़ की दरिंदगी का शिकार हल्दीपोखर का सेराज खान भी हुआ था. घटना के समय उसकी पत्नी तारा खातून दो माह की गर्भवती थी. सेराज चार भाइयों में तीसरे नंबर पर था. सभी अकेले रहते थे. घटना ने तारा की जिंदगी को अंधकारमय बना दिया. गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए उसने हिम्मत नहीं छोड़ी. घटना के तत्काल बाद दो लाख का चेक सरकार से मिला. कई तरह के आश्वासन मिले. लेकिन समय बीतने के साथ सभी खोखले साबित हुए. अकेलेपन और परिवार की दयनीय स्थिति के कारण वह मौसा-मौसी के घर चली गयी.
सज्जू के परिवार पर दुखों का पहाड़
अफवाह में मारे गये हल्दी पोखर के मो सज्जू की पत्नी नीलू परवीन स्नातक उत्तीर्ण है. उसके दो पुत्री महवीन व जहीन है. महवीन गुरुकुल स्कूल में यूकेजी में पढ़ती है. आठ भाइयों में मो सज्जू पांचवें नंबर पर था. घटना ने नीलू को झकझोर दिया. घटना के बाद तत्काल मुआवजे के रूप में दो लाख रुपये मिले. आश्वासन मिला था कि योग्यता के अनुसार किसी काम में लगाया जायेगा. लेकिन कुछ नहीं हुआ.

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