सिलीगुड़ी : वाम मोर्चा द्वारा संचालित सिलीगुड़ी नगर निगम बोर्ड में शीघ्र ही कांग्रेस भी शामिल होगी. वाममोर्चा बोर्ड ने कल मंगलवार को ही अपने कार्यकाल का 3 साल पूरा कर लिया है. इस मौके पर मेयर अशोक भट्टाचार्य कांग्रेस को बोर्ड में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था. जिसे कांग्रेस ने मान लिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस पार्षद पंचायत चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद वाममोर्चा बोर्ड में शामिल हो जाएंगे.
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सिलीगुड़ी नगर निगम में वाममोर्चा बोर्ड कांग्रेस के ही रहमोकरम पर है. 47 सदस्यीय नगर निगम में बहुमत के लिए 24 सीटें चाहिए. जबकि माकपा नीत वामो गठबंधन के सीटों की संख्या वर्तमान में 22 है. कांग्रेस के 4 पार्षदों के समर्थन पर नगर निगम बोर्ड के मेयर तथा सिलीगुड़ी के माकपा विधायक अशोक भट्टाचार्य चला रहे हैं. पिछली बार जब नगर निगम का चुनाव हुआ था तब वामो ने 23 सीटों पर कब्जा किया था. जबकि प्रमुख विपक्षी दल तृणमूल को मात्र 16 सीटों से ही समझौता करना पड़ा था.
कांग्रेस को चार तथा भाजपा को दो सीटें मिली थी. उस समय तृणमूल ने बोर्ड पर कब्जा करने की काफी कोशिश की थी. तब अशोक भट्टाचार्य एक निर्दलीय पार्षद स्वर्गीय ओमू दा के समर्थन से बोर्ड गठन करने में सफल रहे थे. एक ओर जहां पूरे राज्य में किसी भी चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की तूती बोल रही थी,वहीं दूसरी ओर सिलीगुड़ी में तृणमूल की लगातार हार हो रही थी. नगर निगम के बाद सिलीगुड़ी महकमा परिषद का चुनाव भी तृणमूल हार गयी थी. उसके बाद तृणमूल को सबसे करारा झटका विधान सभा चुनावों में लगा. सिलीगुड़ी महकमा में तृणमूल को एक सीट भी नहीं मिली थी.
उस समय अशोक भट्टाचार्य के सिलीगुड़ी मॉडल को लेकर पूरे राज्य के राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा होती रही.बहरहाल तब से लेकर अब तक काफी कुछ बदल चुका है. तृणमूल कांग्रेस पूरे राज्य में एक पर एक विरोधियों के नगरपालिकाओं तथा पंचायतों पर कब्जा जमाती चली गई. हालांकि तमाम कोशिशों के बाद भी तृणमूल कांग्रेस सिलीगुड़ी नगर निगम पर कब्जा नहीं कर पायी. हालांकि अभी भी पार्टी किसी न किसी तरीके से सिलीगुड़ी नगर निगम पर कब्जा करना चाहती है.
यही कारण है कि माकपा तथा कांग्रेसी पार्षदों को तृणमूल कांग्रेस अपने खेमे में करने की कई बार कोशिश कर चुकी है .एक बार तृणमूल को इसमें सफलता भी मिली है. वाम मोर्चा बोर्ड में शामिल फारवर्ड ब्लाक की दुर्गा सिंह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं. लेकिन उसके बाद से लेकर अब तक कोई भी अपनी पार्टी छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में नहीं गया है. इसबीच, यदि सिलीगुड़ी नगर निगम की बात करें तो पंचायत चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद इसका परिदृश्य बदलने वाला है. क्योंकि वाममोर्चा बोर्ड में कांग्रेस के पार्षद भी शामिल होंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष तथा माटीगाड़ा नक्सलबाड़ी के विधायक शंकर मालाकार को इस आशय का प्रस्ताव पहले ही दे दिया है.
कल मंगलवार को बोर्ड के 3 साल पूरे होने के अवसर पर जब वह संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे तब भी उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को बोर्ड में शामिल होने का प्रस्ताव दिया जाएगा. सूत्रों के अनुसार पंचायत चुनाव परिणामों की घोषणा के कुछ दिन बाद ही कांग्रेसी पार्षद सिलीगुड़ी नगर निगम के वाममोर्चा बोर्ड में शामिल होंगे. इस संबंध में जब कांग्रेस के जिलाध्यक्ष तथा विधायक शंकर मालाकार से बातचीत की गई तो उन्होंने माना कि कांग्रेस सिलीगुड़ी नगर निगम बोर्ड में शामिल होगी.
हालांकि उन्होंने बोर्ड में शामिल होने के किसी प्रस्ताव को अभी मिलने से इंकार कर दिया. श्री मालाकार ने कहा है कि वाममोर्चा बोर्ड को कांग्रेस का समर्थन जारी रहेगा. यदि बोर्ड में शामिल होने का कोई प्रस्ताव मिलता है तो वह इस पर विचार करेंगे. श्री मालाकार ने आगे बताया कि अभी पूरे राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव चल रहा है. ऐसी परिस्थिति में अभी किसी नए राजनीतिक समीकरण को लेकर कोई चर्चा नहीं की जा सकती. सबका ध्यान पंचायत चुनाव पर लगा हुआ है.
पंचायत चुनाव परिणामों की घोषणा होने के बाद वह इस मुद्दे को लेकर अशोक भट्टाचार्य के साथ बैठक करेंगे. इधर, सूत्रों ने बताया है कि मेयर अशोक भट्टाचार्य तथा शंकर मालाकार के बीच बैठक इस महीने के अंत तक हो सकती है. इसमें दोनों नेताओं के बीच नगर निगम बोर्ड को और 2 साल तक सफलतापूर्वक चलाने के साथ-साथ कांग्रेसी पार्षदों को मिलने वाले विभागों को लेकर चर्चा की जाएगी. यहां बता दें कि सिलीगुड़ी नगर निगम में मेयर परिषद सदस्य के कई विभाग खाली पड़े हुए हैं.
दुर्गा सिंह जब तृणमूल में शामिल हुई थी तो उनका स्वास्थ्य विभाग अभी भी खाली पड़ा हुआ है. अशोक भट्टाचार्य तथा डिप्टी मेयर राम भजन महतो कई विभाग संभाल रहे हैं. सूत्रों ने आगे बताया कि कांग्रेस के कम से कम 2 पार्षदों को मेयर परिषद में जगह मिल सकती है. इधर,मेयर अशोक भट्टाचार्य ने भी साफ तौर पर कहा है कि वर्तमान बोर्ड अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी. शंकर मालाकार भी कुछ इसी तरह की बात कर रहे हैं .उन्होंने विशेष बातचीत में कहा कि वाममोर्चा बोर्ड को फिलहाल कोई खतरा नहीं है. कांग्रेस पार्षदों का समर्थन बोर्ड को जारी रहेगा.
दूसरी ओर यदि कांग्रेस वाममोर्चा बोर्ड में शामिल हो जाती है तो नगर निगम बोर्ड पर कब्जा करने की तृणमूल कांग्रेस की कोशिशों को करारा झटका लगेगा. तृणमूल यहां तक की राज्य के पर्यटन मंत्री एवं पार्टी के जिलाध्यक्ष गौतम देवी वाममोर्चा बोर्ड पर विफलता का आरोप लगाते हुए शीघ्र ही नगर निगम पर कब्जा किए जाने का दावा कर चुके हैं.
नगर निगम पर कब्जा करने की तृणमूल कांग्रेस लगातार कोशिश कर रही है .कई बार आंदोलन भी किए गए. इसके अलावा माकपा के साथ-साथ कांग्रेस एवं भाजपा पार्षदों को भी तोड़ने की कोशिश की गई. उसके बाद भी तृणमूल कांग्रेस को सफलता नहीं मिली है. इस मामले में मेयर अशोक भट्टाचार्य का कहना है कि तृणमूल चाहे जितनी कोशिश कर ले नगर निगम बोर्ड पर कब्जा नहीं कर पाएगी. सिलीगुड़ी की जनता ने उन्हें 5 साल के लिए मेयर की कुर्सी सौंपी है और वह अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे.
क्या है समीकरण
सिलीगुड़ी नगर निगम में सीटों की कुल संख्या 47 है. जिसमें वाम मोर्चा के 22 पार्षद हैं. बहुमत के लिए वाममोर्चा को 24 पार्षदों के समर्थन की जरूरत है. जिसमें से कांग्रेस के 4 पार्षदों के समर्थन से मेयर अशोक भट्टाचार्य बोर्ड चला रहे हैं .भाजपा पार्षदों की संख्या दो है. दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के खेमे में 18 सीटें हैं. 1 सीट खाली है. तृणमूल कांग्रेस को बोर्ड पर कब्जा करने के लिए अभी भी 6 पार्षदों की आवश्यकता है जो फिलहाल मिलते नहीं दिख रहे हैं.