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हवलदार ने बहन के देवर को मारी गोली

मनोचिकित्सक से चल रहा था इलाज, पुलिस ने दे रखी थी एसएलआर तीन साल पहले बेटे की मौत से बिगड़ी थी मानसिक हालत पटना : पटना पुलिस लाइन में मंगलवार की सुबह 7:15 बजे हड़कंप मच गया जब सरकारी क्वाटर की दूसरी मंजिल पर फायरिंग के बाद चीख पुकार की आवाज आयी. आसपास से लोग […]

मनोचिकित्सक से चल रहा था इलाज, पुलिस ने दे रखी थी एसएलआर
तीन साल पहले बेटे की मौत से बिगड़ी थी मानसिक हालत
पटना : पटना पुलिस लाइन में मंगलवार की सुबह 7:15 बजे हड़कंप मच गया जब सरकारी क्वाटर की दूसरी मंजिल पर फायरिंग के बाद चीख पुकार की आवाज आयी.
आसपास से लोग दौड़ कर गये तो पता चला कि अपने बहन के घरआये एक हवलदार दिलीप ने बहन के देवर को गोली मार दी है. घटना को अंजाम देने के बाद वह भागने लगा तो काफी मशक्कत के बाद उसे पकड़ा गया. पुलिस के अनुसार हवलदार दिलीप की मानसिक हालत ठीक नहीं है. उसका कंकड़बाग में इलाज चल रहा था.
जानकारी के अनुसार पुलिस लाइन में सिपाही पद से प्रमोशन के बाद हवलदार पद का प्रशिक्षण ले रहा दिलीप कुमार पुलिस लाइन परिसर में ही रहने वाली अपनी बहन के घर गया था. बहन के बेडरुम में बैठा और एक कप चाय लाने को कहा.
उसकी बहन चाय लाने गयी. इस बीच दिलीप ने बाहर वाले कमरे में सो रहे बहन के देवर दीपक कुमार (22) के सिर में एसएलआर से गोली मार दी. बायें तरफ से उसने बिल्कुल सटा कर गोली मारी और दीपक का भेजा उड़ा गया. पूरे बेडरूम में खून फैल गया. अचानक हुई फायरिंग से पूरे परिवार में अफरा-तफरी मच गयी.
मौके पर ही दीपक की हो गयी मौत : गोली की आवाज सुनकर सामने वाले क्वाटर से निकले एसआई जेड खान, दिलीप का बहनोई आंशु सिंह और उसके पिता राजेंद्र सिंह ने दिलीप को पकड़ने की कोशिश करने लगे. तीनों गुत्त्थमगुथा हो गये और दूसरे मंजिल से पहले मंजिल तक तीनों पहुंचे. इस बीच आरोपित एसएलआर लेकर छत से कूद गया और बॉलकोनी में मौजूद अपने बहनोई, उनके पिता को टारगेट करके फिर फायरिंग कर दिया लेकिन गोली किसी को लगी नहीं.
इस दौरान नीचे दूसरे क्वाटर में मौजूद हलवदार सुरेश प्रसाद ने आरोपित दिलीप कुमार को पकड़ा, उससे एसएलआर छीना. इसके बाद बुद्धा कॉलोनी थाने की पुलिस पहुंची और आरोपित को गिरफ्तार कर थाने ले आयी. वहीं गोली लगने से मौके पर ही दीपक की मौत हो गयी. उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. दीपक प्राइवेट वाहन चलाता था.
दरअसल बख्तियारपुर के बिजरु गांव का रहने वाला दिलीप कुमार 1999 बैच का सिपाही है. अब उसका हवलदार में प्रमोशन हो गया था. इसका प्रशिक्षण चल रहा था और वह पटना पुलिस लाइन में सेवा दे रहा था.
मंगलवार की सुबह उसको स्कार्ट ड्यूटी में लगाया गया था. सुबह उसे सरकारी एसएलआर और मैगजीन दी गयी थी. उसके बाद बहन के घर गया और वहां घटना को अंजाम दे दिया. पुलिस के मुताबिक दिलीप कुमार के 12 साल के बेटे की तीन साल पहले मौत हो गयी थी. तभी से मानसिक हालत ठीक नहीं है. उसका कंकड़बाग में मनोचिकित्सक डॉक्टर नागेंद्र के यहां इलाज चल रहा था, वह दवाइयां ले रहा था.
ड्यूटी के दौरान सिपाही चालक राजेंद्र से हुई थी दोस्ती : दीपक के पिता राजेंद्र सिंह अगमकुआं थाने में सिपाही चालक हैं. ड्यूटी के दौरान ही उनकी दिलीप कुमार से जान-पहचान और दोस्ती हुई थी. इसके बाद दिलीप के कहने पर राजेंद्र सिंह ने अपने बड़े बेटे अांशु की शादी दिलीप की बहन से किया था. आंशु बिहार पुलिस में सिपाही चालक के पद पर तैनात है. दिलीप अक्सर बहन के घर आता जाता था.
चर्चा है कि दोनों में पारिवारिक विवाद चल रहा था, लेकिन किसी भी तरह के विवाद की पुष्टि नहीं हुई है. दिलीप अक्सर सुबह बहन के घर पुलिस लाइन में चाय पीने जाता था, मंगलवार को भी चाय पीने गया था. इस दौरान घटना को अंजाम दिया. दीपक और उसका परिवार मूल रूप से औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है.
घटना से पुलिस लाइन में अफरा-तफरी, एफएसएल ने लिया जांच सैंपल : घटना में फायरिंग और हत्या के बाद पुलिस लाइन में अफरा-तफरी मच गयी. मानसिक रोगी प्रशिक्षु हवलदार के हाथ में एसएलआर और उसकी हरकत ने सबको सकते में डाल दिया. बुद्धा काॅलोनी थाने की पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है. वहीं एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची थी. टीम ने जांच के लिए घटना स्थल से सैंपल लिया है.
उठते सवाल
पुलिस लाइन के जिम्मेदार पदाधिकारी इस घटना के बाद सवालों के घेरे में है. दरअसल एक तरफ दावा किया गया है कि आरोपित दिलीप कुमार की मानसिक हालत ठीक नहीं है. बावजूद उससे ड्यूटी ली जा रही थी और वह भी हथियार के साथ.

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