रांची : विधानसभा में नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले की जांच कर रहे विक्रमादित्य अायोग ने बड़ी कार्रवाई की है. अायोग ने विधानसभा में कार्यरत 48 अधिकारियों को नोटिस भेजा है. आयोग ने जांच के दौरान पाया कि विधानसभा नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले की जांच के दौरान ही उक्त अधिकारियों को प्रोन्नत कर दिया गया. अायोग ने अवर सचिव से लेकर उपसचिव स्तर तक के पदाधिकारियों को नोटिस भेजा है. इसके साथ ही तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष से यह भी जानना चाहा है
कि जांच के दौरान इन अधिकारियों को प्रोन्नति कैसे मिली. इसे उच्च स्तर पर संलिप्तता क्यों न मानी जाये. इसके साथ ही संबंधित लोगों को हुए भुगतान की राशि की वसूली की बात भी कही गयी है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में ये सभी अधिकारी प्रोन्नत किये गये थे. इस प्रोन्नति से पूर्व ही आयोग का गठन हो चुका था. मिली जानकारी के अनुसार अायोग ने कुल 17 संयुक्त सचिवों, 18 अवर सचिवों तथा 13 उप सचिवों को नोटिस भेजा है.
18 तक देना है जवाब : संबंधित अधिकारियों को आयोग के सवालों का जवाब 18 मई तक देना है. उल्लेखनीय है कि जून के अंतिम सप्ताह में आयोग का विस्तारित कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इसलिए अायोग ने जांच प्रक्रिया में तेजी लायी है. इससे पूर्व अायोग ने अनुसेवक से लेकर संलिप्त अधिकारियों सहित तत्कालीन विधानसभा अध्यक्षों से भी जवाब मांगा था.
चहेते भी हुए थे प्रोन्नत : विधानसभा अध्यक्ष रहे शशांक शेखर भोक्ता के कार्यकाल में सहायक से प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नति मिली थी. तथाकथित लिखित परीक्षा को आधार बताया गया था. इसमें कई राजनेताअों के कई सगे-संबंधी भी थे. अायोग ने इस प्रोन्नति पर भी सवाल उठाया है.
अवर सचिव
विष्णु पासवान, मनोहर लकड़ा, जितेंद्र कुमार, उषा राय, रविशंकर प्रसाद, राव दीपेंद्र कुमार यादव, नीलेश रंजन, संजय कुमार, प्रवीण साफी, सरोज कुमार, छोटेलाल टुड्डू, रामाशीष यादव, मनोज कुमार,वीरेंद्र कुमार नं. 1, मो. शमीम, महेश नारायण सिंह, वीरेंद्र कुमार नं. 2 और तत्कालीन अवर सचिव सुबोध झा़
उपसचिव
अनिल कुमार, गुरुचरण सिंकू, प्रदीप कुमार बारी, नवीन कुमार , सुषमा सिन्हा, कमलेश कुमार दीक्षित, संजीत कुमार, हरेंद्र कुमार साह, नंदलाल प्रसाद, किरण सुमन अग्रवाल, अनिल कुमार सिंह, विपिन बिहारी, गिरिवरधारी प्रसाद़