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बंगाल : कोलकर्मियों को अब 30 लाख तक हाउस बिल्डिंग एडवांस
सरकारी दर से लोन की राशि पर ब्याज लगने की अधिसूचना की गयी जारी कोयला श्रमिकों को अपना घर बनाने के लिए विभिन्न बैंकों के कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है ताकि उन्हें सरकारी दर के ब्याज पर राशि मिल सके. इस दिशा में सीआइएल बोर्ड ने सार्थक निर्णय लिया है. इस मद में सशर्त […]
सरकारी दर से लोन की राशि पर ब्याज लगने की अधिसूचना की गयी जारी
कोयला श्रमिकों को अपना घर बनाने के लिए विभिन्न बैंकों के कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है ताकि उन्हें सरकारी दर के ब्याज पर राशि मिल सके. इस दिशा में सीआइएल बोर्ड ने सार्थक निर्णय लिया है. इस मद में सशर्त 30 लाख रुपये तक की राशि देने की अधिसूचना जारी कर दी गयी है.
आसनसोल : घर की चाह रखनेवाले कोयलाकर्मियों तो अब लोन के लिए बैंकों कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. इसीएल सहित कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियां अब अपने कर्मियों को हाउस बिल्डिंग रूल के तहत घर बनाने तथा एक्सटेंशन के लिए 30 लाख रूपये तक का लोन देगी. इस आलोक में कोल इंडिया के महाप्रबंधक (कार्मिक) पीवीकेआरएम राव के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी कर दी गयी है.
अधिसूचना के अनुसार कोल कर्मियों के हाउस बिल्डिंग एडवांस रूल के लिए मिलनेवाली राशि 2.5 लाख रूपये से बढ़ाकर 30 लाख रूपये तक कर दी गयी है. सनद रहे कि 10 मार्च को हुयी कोल इंडिया की 360 वीं बोर्ड बैठक में हाउस बिल्डिंग एडवांस रूल के नये प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी.
नौकरी का मसला मुख्य कमेटी को रेफर
कोलकर्मियों के आश्रितों के नियोजन के लिए गठित तीन सदस्यीय सब कमेटी की कोल इंडिया मुख्यालय कोलकाता में हुयी बैठक बेनतीजा रही. प्रबंधन और यूनियन प्रतिनिधि अपने-अपने रूख पर अड़े रहे. अब इस मामले पर आठ सदस्यीय मुख्य कमेटी फैसला करेगी. बैठक में एमसीएल के डीपी एलएन मिश्रा, यूनियन से नत्थूलाल पांडेय (एचएमएस) तथा डीडी रामानंदन (सीटू) आदि शामिल थे.
कोल इंडिया प्रबंधन 10वें जेबीसीसीआई से ही नौकरी के दौरान हुयी मौत, ड्यूटी के दौरान हुयी मौत और गंभीर असाध्य रोगों में मेडिकल अनफिट के नाम पर आश्रितों को नियोजन देने के बजाय एकमुश्त बड़ी राशि देने का प्रस्ताव दे रहा है. बैठक में यूनियन नेताओं ने साफ-साफ कहा कि जैसे चल रहा है, वैसे ही चलेगा. रामानंदन ने कहा कि प्रबंधन आश्रितों के नियोजन के मामले में कामगारों के आश्रितों के साथ भेदभाव कर रहा है. अधिकारियों के आश्रितों को क्लर्क केटेगरी तीन में और श्रमिकों के आश्रितों को जेनरल मजदूर केटेगरी वन में नियोजन दिया जा रहा है. इतना ही नहीं, श्रमिकों के उच्च योग्यताधारी आश्रितों को भी जेनरल मजदूर में ही नियोजन दिया जा रहा है. बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाने पर मामले को मुख्य कमेटी को रेफर कर दिया गया.
घर बनाने, विस्तार करने के लिए बैंकों का चक्कर लगाने से मिलेगी निजात
पांच वर्ष सर्विस शेष रहने पर एडवांस का लाभ नहीं
प्रोविजनल पीरियड को छोड़ कर जिन कर्मियों ने अपना पांच वर्ष या अधिक सर्विस कर लिया है, उन्हें हाउस बिल्डिंग एडवांस का लाभ मिलेगा. जबकि जिन कर्मियों की सर्विस पांच वर्ष शेष है, वैसे कर्मियों को एडवांस का लाभ नहीं मिलेगा.
साथ ही केंद्र तथा राज्य सरकार से प्रतिनियुक्ति पर आये कर्मियों को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा. अगर घर या जमीन परिवार के किसी सदस्य के नाम पर है तो वैसी सूरत में भी कर्मियों को हाउस बिल्डिंग एडवांस का लाभ नहीं मिलेगा.
कोयला अधिकारियों की ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव
अंगद की तरह पांव जमाने में माहिर अधिकारियों में खलबली
हर साल स्थानान्तरित किये जायेंगे चार हजार अधिकारी
हर पांच साल में 20 हजार अधिकारी होंगे इधर से उधर
आसनसोल . भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की गरज से कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) में नयी ट्रांसफर पॉलिसी लागू की गयी है. अब हर साल चार हजार तथा प्रत्येक पांच वर्ष पर 20 हजार अधिकारियों का तबादला किया जायेगा. इस आलोक में कोल इंडिया के कंपनी सेक्रेटरी एम विश्वनाथन के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी कर दी गयी है.
ऐसे में वर्षो से एक ही कंपनी, एरिया तथा कोलियरी में जमे कोयला अधिकारियों पर तबादले की तलवार लटकने लगी है. 10 मार्च को कोलकाता में हुयी कोल इंडिया की 360 वीं बोर्ड बैठक में कोयला अधिकारियों की ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी थी. आवश्यक प्रक्रिया के बाद इसे पूरी तरह से लागू किया गया. नयी ट्रांसफर पॉलिसी के मुताबिक एक अधिकारी एक कोलियरी में पांच वर्ष से अधिक समय तक काम नहीं कर सकता. उनका अनिवार्य रूप से दूसरे एरिया में तबादला करना होगा.
वहीं एक कंपनी में 15 वर्ष तक कार्य करनेवाले अधिकारी का तबादला अनिवार्य रूप से दूसरी कंपनी में कर दिया जायेगा. ट्रांसफर पॉलिसी के लागू होने से कोल इंडिया के कौशल सेट में सुधार के साथ-साथ बाहरी पार्टियों का अधिकारियों के साथ गठबंधन बनाने पर भी अंकुश लगेगा. अधिकारियों को कई क्षेत्रों में अपना अनुभव बढ़ाने का मौका मिलेगा. साथ ही हर एक को विभिन्न कंपनियों के भीतर नयी नौकरियों को आजमाने का मौका मिलेगा.
30 लाख या 75 माह के वेतन की राशि मिलेगी
नयी अधिसूचना के मुताबिक मकान के एक्सटेंशन राशि को 60 बजार रूपये से बढ़ा कर छह लाख रूपये तक कर दिया गया है. इसके लिए कम से कम तीन साल सर्विस बची होनी चाहिए. वहीं हाउस बिल्डिंग एडवांस की राशि को 2.5 लाख रूपये से बढ़ा कर 30 लाख रूपये तक कर दिया गया है.
कर्मी 75 माह के वेतन या फिर 30 लाख रूपये की राशि, जो दोनों में कम हो, वह लोन के तौर पर ले सकेंगे. लोन की राशि पर सरकारी दर के मुताबिक ब्याज देना होगा. एटक के संबद्ध कोलियरी मजदूर सभा (सीएमएस) के महासचिव सह पूर्व सांसद आरसी सिंह ने इसीएल के कार्मिक निदेशक से कोल इंडिया के इस नये सर्कुलर को अविलंब लागू करने की मांग की है. ताकि लोन के लिए बैंकों का चक्कर लगाने से कर्मियों को निजात मिल सके.
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