दुमका : टीएसी की उपसमिति की अध्यक्ष सह राज्य की समाज कल्याण मंत्री डॉ लुइस मरांडी ने संताल परगना कास्तकारी अधिनियम (एसपीटी एक्ट) में आंशिक बदलाव के संकेत दिये हैं. दुमका में कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को उन्होंने कहा : उपसमिति इस माह के अंत तक रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी. एसपीटी एक्ट में आंशिक संशोधन नहीं होगा,
तो जीवन स्तर नहीं सुधर सकता. उन्होंने कहा : उपसमिति की रिपोर्ट लागू होने के बाद संताल परगना के विकास के बहुत से रास्ते खुल जायेंगे. सरकार आदिवासियों की जमीन को लेकर एसपीटी एक्ट में कोई संशोधन नहीं करने जा रही. आदिवासियों की जमीन के संदर्भ में एसपीटी के प्रावधानों को, कानूनों को और सख्ती से लागू कराने की पक्षधर है. उन्होंने कहा : संताल परगना के गैर आदिवासियों की जमीन एसपीटी एक्ट के दायरे से मुक्त करने की मांग को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है. इसकी सौगात संताल परगना की जनता को मिलेगी.
गैर आदिवासियों की…
सभी जिलों में बैठक कर बुद्धिजीवियों से जाना था सुझाव
उन्होंने कहा : छोटानागपुर इलाके में सीएनटी में थाना क्षेत्र की बाध्यता को खत्म करने और संताल परगना में एसपीटी में गैर आदिवासियों को अपनी जमीन की खरीद-बिक्री का अधिकार देने की उठ रही मांग पर सभी जिलों में बैठक कर बुद्धिजीवियों से उनके विचारों-सुझावों को जाना था. संताल परगना में 80 से 85 प्रतिशत गैर आदिवासियों ने अपने सुझाव में एसपीटी एक्ट के दायरे से मुक्त कराने की मांग की है.
रसेल कमेटी की सिफारिश को लागू करने की मांग करते रहे हैं निशिकांत
गोड्डा से भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे खुद भी एसपीटी के संदर्भ में रसेल कमेटी की सिफारिश को लागू करने की मांग करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि जैसे संकेत मंत्री डॉ लुइस मरांडी ने दिया है, अगर ऐसा होता है, तो वह बधाई की पात्र हैं. डॉ लुइस जब विधायक नहीं थी, तब भी उन्होंने इस विषय को लेकर आवाज उठायी थी. वे खुद भी एसपीटी के जरिये आदिवासियों की जमीन को सुरक्षित किये जाने के पक्षधर हैं.