नयी दिल्ली : देश के किसी भी भाग में सामूहिक बलात्कार की पीड़िता को अब न्यूनतम पांच लाख और अधिकतम दस लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.
यह यौन उत्पीड़न और तेजाब हमलों की पीड़िताओं के मुआवजा देने पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित योजना में शामिल है, जिसे शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने मंजूरी दे दी.
शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि यह पूरे देश में लागू होगा. इस योजना के अनुसार, बलात्कार एवं अप्राकृतिक यौनाचार की स्थिति में पीड़िताओं को न्यूनतम चार लाख रुपये जबकि अधिकतम सात लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा.
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने योजना को मंजूरी देते हुए कहा कि यह पूरे भारत में लागू होगा और राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश योजना के तहत तय राशि से अधिक मुआवजा देने के लिए स्वतंत्र होंगे.