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रांची : एनआरडीडब्ल्यूपी से चार वर्ष में 3.99 लाख लोगों को मिला पानी
इस वर्ष 2.57 लाख लोगों तक पाइप लाइन से जलापूर्ति पहुंचाने का टारगेट तय किया गया सांसद अादर्श ग्राम योजना में भी 15 योजनाओं पर होगा काम रांची : भारत सरकार की योजना नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर प्रोग्राम (एनआरडीडब्ल्यूपी) के तहत ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है. इस कड़ी में ग्रामीण इलाकों में […]
इस वर्ष 2.57 लाख लोगों तक पाइप लाइन से जलापूर्ति पहुंचाने का टारगेट तय किया गया
सांसद अादर्श ग्राम योजना में भी 15 योजनाओं पर होगा काम
रांची : भारत सरकार की योजना नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर प्रोग्राम (एनआरडीडब्ल्यूपी) के तहत ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है. इस कड़ी में ग्रामीण इलाकों में पाइप लाइन से जलापूर्ति की जाती है.
झारखंड में वर्ष 2014 से लेकर मार्च 2018 तक एनआरडीब्ल्यूपी से तीन लाख 99 हजार 685 की आबादी तक पाइप जलापूर्ति संभव हो सकी है. इन तक पानी पहुंचाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 31551.58 लाख रुपये खर्च किये गये हैं.
हर घर तक नल से जल पहुंचाना है लक्ष्य : देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों को साफ पानी मुहैया कराने के लिये पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने वर्ष 2013 में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल प्रोग्राम (एनआरडीडब्ल्यूपी)शुरू किया था.
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये एक अभियान शुरू करना इस प्रोग्राम का लक्ष्य था. इसमें वर्ष 2022 तक 90 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को पाइप लाइन के जरिये पानी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है.
इस प्रोग्राम के तहत स्वच्छ पेयजल हर घर तक पहुंचाने के लिये केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं. परियोजना पर होनेवाले खर्च का कुछ हिस्सा केंद्र सरकार देगी और कुछ हिस्सा राज्य सरकार वहन करती है. इस परियोजना में सांसदों की तरफ से आये प्रस्तावों को प्राथमिकता देने की बात है. झारखंड में इसी के तहत वर्ष 2022 तक हर घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
प्रमुख योजनाएं जो पूरी हुईं
वर्ष 2014-15
भटिंडा फॉल, गांडेय, चैनपुर, प्रतापपुर, मनिका और नेतरहाट में 1689.98 लाख रुपये खर्च कर 18440 लोगों को तक पाइप से जलापूर्ति आरंभ की गयी
वर्ष 2015-16
रांची पश्चिमी स्थित प्रेमनगर, दुमका के गोविंदपुर, रानीबहाल, आसनसोल, पारसिमला, लोहरदगा के नदिया, धनबाद के ओझाडीह कटनिया व गढ़वा के धुरकी योजना पर 6731.62 लाख खर्च कर 72337 लोगों तक पानी पहुंचाया गया.
वर्ष 2016-17
हजारीबाग के चान्हो, गिरिडीह के तिसरी, परातडीह, पतरोडीह, धनबाद के खानुडीह, तेलमच्चो, भटिंडा फॉल, गोड्डा के मखनी, डारे, सरायकेला के दुगनी, यशपुर, मधुपुर के बभनागांवा, सिमडेगा के बिरू, रांची के इरबा, खूंटी के कर्रा, गुमला के भरनो व खरका, लोहरदगा के भंडरा एवं नदिया, दुमका के शीतपहाड़ी व लातेहार के चंदवा में पाइप लाइन से जलापूर्ति योजना पूरी की गयी. इस पर 11100 लाख खर्च कर 156286 लोगों तक पानी पहुंचाया गया.
वर्ष 2017-18
रांची के खलारी व नगड़ी, सिमडेगा के कोलेबिरा, लोहरदगा के किस्को, पूर्वी सिंहभूम किस्को, प. सिंहभूम के गुमरिया, पलामू के बारालोटा व चुकरू, साहेबगंज के बिरोय, हजारीबाग के रिकवा, रामगढ़ के करमा, बोकारो के अमलाबाद, देवघर के गोविंदपुर और गुमला के सिसई में जलापूर्ति योजना पूरी की गयी. इस पर करीब 12029.48 लाख खर्च कर एक लाख 51 हजार 622 लोगों तक पानी पहुंचाया गया.
इस वर्ष जो योजनाएं ली गयी हैं
पूर्वी सिंहभूम का पिताजोरी, साहेबगंज का मेगा पाइप जलापूर्ति, राजमहल का मेगा पाइप लाइन से जलापूर्ति, बरहेट मेगा पाइप, तेनुघाट का बड़की, तारानारी व मधुपुर का बरमसिया तथा गढ़वा के प्रतापपुर में जलापूर्ति योजनाएं ली गयी हैं.
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