पटना : भाजपा सांसद और सिने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा लगातार अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान देकर चर्चा में बने रहते हैं. अभी एक दिन पहले अपने फैंस की ट्वीट को रिट्वीट करते हुए शत्रु ने पीएम मोदी पर सवाल खड़े किये थे. अब शत्रु ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर हटाने को लेकर छिड़े विवाद कोलेकर उसके औचित्यपर सवाल खड़ा किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शत्रु ने एएमयू का नाम लिये बिना कहा है कि अचानक विवि का नाम बदलने और कुछ लोगों की तस्वीरों को हटाने की मांग होने लगी. उन्हें क्यों हटाया जाये ?
शत्रु ने कहा कि इतने सालों से वे वहीं थे और सबकुछ ठीक चल रहा था. शत्रुघ्न सिन्हा गोवा के पणजी में भारतीय अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां विषय पर आयोजित सेमिनार में व्याख्यान देने के दौरान वहां मीडिया से बातचीत में यह बातें कही. शत्रु ने न्यायपालिका में शीर्ष स्तर पर चलने वाले विवाद के बारे में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं इस मामले पर कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हूं. न्यायपालिका में जो हो रहा है , वह सही है या फिर गलत. उन्होंने कहा कि लेकिन सवाल यह उठता है कि यह क्यों हो रहा है. शत्रु ने अपनी बेबाक बयानबाजी पर कहा कि वह सत्य को सामने रखकर अपनी पार्टी को आईना दिखाने का काम कर रहे हैं.
इससे पूर्व एक दिन पहले शत्रुघ्न सिन्हाने सोशल मीडिया के जरिए पीएम मोदी के एक फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए ट्वीट किया था. बिहारी बाबू ने ट्वीटर पर फैन्स के पोस्ट को शेयर करते हुए लिखाथा कि महोदय, निम्नलिखित पोस्ट कुछ संबंधित प्रशंसकों और अनुयायियों द्वारा साझा किया गया था, और मैंने सोचा कि मैं आपके साथ साझा करूंगा. उसके बाद शत्रु ने फैन्स के ट्वीट को रिट्वीट किया है.
फैन्स ने शत्रुघ्न सिन्हा को कोट करते हुए लिखाथा कि सर, प्रधानमंत्री ने अपने से सीधी बात करने के लिए सांसदों पर सोशल मीडिया पर तीन लाख फॉलोवर्स होने की शर्त रखी है. प्रधानमंत्री के मुताबिक वहीं सांसद उनसे सीधी बात कर सकते हैं और प्रधानमंत्री भी सिर्फ उन्हीं से बात करने के लिये बाध्य हैं. इस पैमाने पर बिहार से भाजपा के 22 में से सिर्फ 3 सांसद यह योग्यता रखते हैं, जिनमें से आप हैं लेकिन आपसे PM बात नहीं करते.
गौरतलब हो कि इससे पूर्व भी शत्रुघ्न सिन्हा अपनी पार्टी के खिलाफ बयान देते रहे हैं. हाल में उन्होंने यशवंत सिन्हा के साथ मिलकर पटना में आयोजित राष्ट्र मंच कार्यक्रम में भाग लिया था और उन्होंने पार्टी की आलोचना करते हुए लालू के बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव की तारीफ की थी. उसके बाद बिहार प्रदेश भाजपा नेताओं ने शत्रु को सलाह दी थी कि वह पार्टी छोड़कर यशवंत सिन्हा के साथ चले जाएं.
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