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बिहार : डीएम अंकल, बच्चे हो रहे बेहोश, गर्मी बहुत है, स्कूल बंद कर दें

बढ़ रहे पारे से स्कूली वाहन बने हीट चेंबर, बेहाल बच्चे, परेशान अभिभावक पटना : पारे की प्रचंडता बढ़ती जा रही है. मई के शुरुआती सप्ताह में ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा चुका है. इस गर्मी से हर कोई परेशान है. खासकर स्कूली बच्चे इसके ज्यादा शिकार हो रहे हैं. आठ तक […]

बढ़ रहे पारे से स्कूली वाहन बने हीट चेंबर, बेहाल बच्चे, परेशान अभिभावक
पटना : पारे की प्रचंडता बढ़ती जा रही है. मई के शुरुआती सप्ताह में ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा चुका है. इस गर्मी से हर कोई परेशान है. खासकर स्कूली बच्चे इसके ज्यादा शिकार हो रहे हैं. आठ तक की कक्षाओं को दिन के 11:45 बजे तक चलाने के आदेश के बाद भी बच्चों को राहत मिलती नहीं दिख रही है. दरअसल, उमस भरी गर्मी में स्कूली वाहन हीट चेंबर में तब्दील हो गये हैं. यह तापमान बाहर के तापमान से पांच से सात डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है. ऐसे हालत में बच्चे बेहद परेशानी महसूस कर रहे हैं.
बच्चे हो रहे बेहोश
शहर के कई इलाकों से गर्मी के कारण बच्चों के बेहोश होने की खबर आ रही है. गर्मी से बच्चों को उल्टियां हो रही हैं. लू लगने के साथ डिहाईड्रेशन होने की आशंका रहती है. कई बार मामला इतना खराब हो जाता है कि अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ता है.
ऐसे में बच्चों और अभिभावकों ने स्कूल बंद करने की अपील की है.भीषण गर्मी में सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को स्कूल आने जाने को लेकर हो रही है. अधिकतर स्कूलों की छुट्टी मध्य दोपहर में हो रही है. उस समय पारा अपने पूरे परवान पर रहता है. इसके अलावा शहर की व्यस्त सड़कों और भीड़-भाड़ इलाकों को पार करने में घंटों का वक्त लगता है. ऐसे में कई स्कूली बच्चों का सफर दिन में दो घंटे तक का हो जाता है.
39.4 डिग्री सेल्सियस रहा तापमान
सोमवार को भी गर्मी ने कोई राहत नहीं बख्शी. शहर का अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. इसके अलावा न्यूनतम तापमान में भी कोई कमी नहीं थी.न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके अलावा दिन में भी काफी ऊमस था. इससे भी लोगों को परेशानी हुई. इसके अलावा मौसम केन्द्र की मानें तो अगले दो-तीन दिन में आंधी चलने की संभावना है. हल्की बारिश हो सकती है़ तापमान में भी कमी आयी है.
बढ़ जाता है तापमान
एक तो पहले से ही शहर का अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार जा रहा है. ऐसे में दोपहर के वक्त स्कूली वाहन भट्ठी की तरह बन जाते हैं. अधिकतर स्कूलों में तीन पहिया वाले ऑटो और बसों को स्कूली वाहन के रूप में प्रयोग किया जाता है. इन वाहनों में बच्चों को ठूंस-ठूंस का बैठाया जाता है. 90 फीसदी स्कूली वाहन में एसी की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में दोपहर के समय इन स्कूली वाहनों के अंदर का तापमान बाहर के तापमान से पांच डिग्री अधिक बढ़ जाता है.
नहीं लेते निर्णय
शहर के स्कूलों के हालात ऐसे हैं कि चाहे कितनी भी भीषण गर्मी पड़े, स्कूल प्रबंधन अपने स्तर पर गर्मी के अवकाश लेने का निर्णय नहीं करता है.
आपसी प्रतिस्पर्धा को लेकर स्कूलों को एक दूसरे के बंद नहीं होने का हवाला देकर स्कूल चलाते रहते हैं. शहर के लगभग सभी स्कूलों को जिला प्रशासन की ओर से अवकाश घोषित होने का इंतजार रहता है और प्रशासन को अपने स्तर से स्कूली बच्चों को परेशानी नहीं दिखती.
लू से बचाने के होंगे पुख्ता इंतजाम
पटना : पिछले दो साल की तरह इस साल भी मई महीने की शुरुआत होते ही बेरहम गर्मी और लू की आशंका सताने लगी है. इसबार राज्य के लोगों को लू से बचाने के लिए सरकार के कुल 15 विभाग आपसी सहयोग से पुख्ता इंतजाम की तैयारी कर रहे हैं. इसकी देखरेख की जिम्मेवारी आपदा प्रबंधन विभाग के पास है. इसके तहत लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा और पेयजल संबंधी सुविधा मुहैया करायी जायेगी.
खासकर छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों के विशेष कार्ययोजना पर काम किया जायेगा. जानकारों का कहना है कि पूरी दुनिया सहित बिहार में वर्ष 2016 और 2017 के मई महीने का तापमान सबसे अधिक पाया गया था. वर्ष 2015 में तो देश के कई हिस्सों में लू से करीब 1800 लोगों की मौत हो गयी थी. पटना में भी इस वर्ष की मई महीने का तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था.
हालांकि आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बिहार में लू से किसी की मौत नहीं हुयी थी. आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस वर्ष लोगों को लू से बचाने की कार्ययोजना पर कुल 15 विभाग काम कर रहे हैं. सभी की जिम्मेवारी तय की गयी है.

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