14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

स्थिति बेहतर होने पर अन्य हिस्सों से भी हटा लिया जाएगा आफस्पा : रिजिजू

नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संघर्ष वाले क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को विशेषाधिकार प्रदान करने वाले आफस्पा कानून के संदर्भ में रविवार को कहा कि स्थिति बेहतर होने पर अन्य हिस्से से भी इस कानून को हटाया जा सकता है. रिजिजू ने कहा कि मौजूदा समय में जारी नगा शांति वार्ता पर पूरी […]

नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संघर्ष वाले क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को विशेषाधिकार प्रदान करने वाले आफस्पा कानून के संदर्भ में रविवार को कहा कि स्थिति बेहतर होने पर अन्य हिस्से से भी इस कानून को हटाया जा सकता है. रिजिजू ने कहा कि मौजूदा समय में जारी नगा शांति वार्ता पर पूरी ईमानदारी से काम किया जा रहा है और इसका नतीजा सकारात्मक होगा लेकिन उन्होंने अंतिम शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कोई समय-सीमा बताने से इनकार कर दिया. उन्होंने ‘पीटीआइ’ से कहा, ‘‘पिछले चार साल में पूर्वोत्तर में सुरक्षा की स्थिति में सुधार हुआ है और कई इलाकों से अफस्पा हटा लिया गया है. हमें उम्मीद है कि और बेहतर होने पर आने वाले समय में अन्य हिस्सों से भी इसे हटा लिया जाएगा.’

सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) को मेघालय से पूरी तरह और अरुणाचल प्रदेश से आंशिक तौर पर हटा लिया गया है. यह कानून अभी नगालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों में प्रभावी है. यह विवादित कानून जम्मू-कश्मीर में लागू है.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रिजिजू ने यह भी कहा कि सुरक्षा स्थिति में सुधार होने के बाद विवादास्पद आफस्पा कानून नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और अन्य इलाकों से हटाया जाएगा. नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल आफ नगालैंड (एनएससीएन-आइएम) के आइजक मुइवा गुट के साथ सरकारी वार्ताकार की बातचीत का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार नगा और पूर्वोत्तर के मसलों के प्रति अति संवेदनशील है.

रिजिजू ने कहा, ‘‘नगा शांति वार्ता प्रक्रिया का बेहद ईमानदारी से पालन किया जा रहा है ताकि इसका परिणाम सकारात्मक हो.’ अंतिम शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए संभावित तारीखों के बारे में पूछे जाने पर रिजिजू ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में तीन अगस्त 2015 को एनएससीएन आइएम के महासचिव थुइंगालेंग मुइवा और सरकार के वार्ताकार आरएन रवि के बीच समझौते की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किया गया था. समझौते की यह रूपरेखा 18 वर्षों में 80 राउंड की बैठक के बाद निकलकर आयी थी. 1947 में देश की आजादी के तुरंत बाद नगालैंड में शुरू हुए हमलों के सिलसिले में 1997 में पहली सफलता मिली थी जब संघर्ष विराम पर हस्ताक्षर किए गए थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें