नयी दिल्ली :दलितों के घर खाना खाने को लेकर पैदा विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अहम फैसला लिया है. आरएसएस साधु – संतों को अपने अभियान में शामिल कर दिल जीतने की तैयारी में है. इंडियन एक्सप्रेस के खबर के मुताबिक राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ जल्द ही ‘सामाजिक समरसता और सदभाव यात्रा’ के नाम से अभियान शुरू करने का फैसला किया है. इस अभियान को पश्चिम उत्तर प्रदेश के इलाके में चलाने की योजना है.
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साधु – संतों के जरिये दलितों का दिल जीतने की तैयारी में RSS
नयी दिल्ली :दलितों के घर खाना खाने को लेकर पैदा विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अहम फैसला लिया है. आरएसएस साधु – संतों को अपने अभियान में शामिल कर दिल जीतने की तैयारी में है. इंडियन एक्सप्रेस के खबर के मुताबिक राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ जल्द ही ‘सामाजिक समरसता और सदभाव यात्रा’ के नाम […]
वृंदावन में मंगलवार को आरएसएस की हुई दो दिवसीय ‘चिंतक बैठक’ में इस अभियान को चलाने का निर्णय किया गया है. बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी – एसटी एक्ट में संशोधन के फैसले के खिलाफ देशव्यापी बंदी की घोषणा की गयी थी. पश्चिम यूपी में दलितों की अच्छी खासी आबादी है. सात मई से हापुड़ से प्रमुख मंदिरों के साधु – संत इस कार्यक्रम को आगाज करेंगे. आरएसएस उन गांवों को पहली प्राथमिकता देंगे, जहां डॉ भामराव आंबेडकर और गौतम बुद्ध की मूर्तियां हैं.
वृंदावन बैठक में कार्यकर्ताओं ने चर्चा की कि संतों को खुद को हिंदुओं की एकता के लिए प्रचार करना चाहिए. उन्हें मंदिर तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि इस तरह के अभियानों में भाग लेना चाहिए. मुजफ्फरनगर, बरेली, अलीगढ़, बुलंदशहर, मुरादाबाद जिलों के संतों की बैठक में ये फैसला लिया गया है.
उन्होंने बताया कि 50 से अधिक प्रमुख संतों ने बैठक में भाग लिया. उन्होंने हिंदू समाज के विभाजन के बारे कती चिंताओं पर सवाल उठाया. ऐसे में यदि संत गांवों का दौरा करेंगे और समाज के वंचित वर्गों के साथ भोजन करेंगे, तो यह हिंदुओं की एकता के लिए प्रभावी संदेश जाएगा.
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