पटना : बिहार के हर बसावट में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य 30 अप्रैल को पूरा करना गौरव का क्षण है जो कहा वह पूरा कर दिखाया. प्रदेश के लिए इससे भी बड़ी सम्मान की बात यह है कि बिजली के इस बिहार मॉडल को केंद्र सरकार ने अंगीकार कर लागू कर दिया है. यह बातें बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ऊर्जा विभाग के एक कार्यक्रम के दौरान कही. इस दौरान उन्होंने 3650.83 करोड़ रुपये की कई योजनाओं का शिलान्यास, उदघाटन और लोकार्पण किया. साथ ही 2827.51 करोड़ रुपये की लागत से 33 केभी, 11 केभी और निम्न विभव लाइन के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ किया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 27 दिसंबर 2017 को जब यह जानकारी मिली कि करीब 80 हजार बसावट में बिजली पहुंचा दी गयी है. वहीं 25636 बसावट अभी बचे हैं तो यह जानकर दुखी हो गया था. वहां ऊर्जा विभाग के मंत्री और सचिव सहित अधिकारियों ने कहा था कि अप्रैल 2018 तक यह लक्ष्य पूरा कर लिया जायेगा. अब यह लक्ष्य पूरा हो चुका है तो इस कामयाबी पर सभी को बधायी. इसके साथ ही उन्होंने दिसंबर 2018 तक हर इच्छुक घर को बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य पूरा होने की संभावना जतायी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिजली बोर्ड के माध्यम से काम होता था. इसका विखंडन कर पांच कंपनियां बनायी गयीं. इससे व्यवस्था में सुधार हुआ है. 15 अगस्त 2012 को गांधी मैदान में कहा था कि यदि बिजली व्यवस्था में सुधार नहीं होगा तो 2015 में वोट मांगने नहीं आयेंगे. सुधार कर दिखाया. 26 लाख घरों में कनेक्शन नहीं हैं. इस साल जून तक 14 लाख घरों में बिजली कनेक्शन पहुंचा दिया जायेगा. इस समय राज्य को 4600 मेगावाट बिजली मिल रही है. वहीं 9000 मेगावाट से अधिक बिजली का संचरण हो रहा है.
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