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दो माह में 90 हजार शौचालय बनायें : आराधना

गुमला : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत शौचालय निर्माण अभियान की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में आराधना पटनायक ने कहा गुमला जिला को जून माह के अंत तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हर हाल में करना है. दो माह (मई व […]

गुमला : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत शौचालय निर्माण अभियान की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में आराधना पटनायक ने कहा गुमला जिला को जून माह के अंत तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हर हाल में करना है. दो माह (मई व जून) में 90 हजार शौचालय का निर्माण करना है. इसमें विभाग एवं जिला प्रशासन हर संभव मदद करेगा.

सिमडेगा व लोहरदगा जिला के स्वयं सहायता समूह व राज मिस्त्रियों का सहयोग गुमला को दिया जायेगा. इसके अतिरिक्त यूनिसेफ, प्रदान, विकास भारती व जेएसएलपीएस जैसे एनजीओ इस कार्य में मदद करेंगे. उन्होंने कहा पड़ोसी दो जिला ओडीएफ हो चुके हैं. वहां की परिस्थितियां गुमला जैसी ही है, फिर भी गुमला में शौचालय निर्माण की प्रगति बहुत धीमी है. पांच मई से शौचालय निर्माण के लिए विशेष अभियान चलेगा. इसके लिए पड़ोसी जिलों की तर्ज पर टीम भावना के साथ काम करने की सलाह दी.

लाभुकों का सत्यापन कर कार्य प्रारंभ करें
अभियान की सफलता के लिए आराधना पटनायक ने कहा कि सही माइक्रो प्लानिंग, ग्रामीणों/लाभुकों की सहभागिता, जनजागरूकता, जिला स्तर से अभियान की लगातार निगरानी, प्रशासनिक स्तर से शौचालय निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री को एजेंसियों के माध्यम से गांव-गांव तक उपलब्ध कराने में मदद करने के अलावा सभी लोगों को अपना उत्तरदायित्व समझते हुए टीम भावना के साथ काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने सर्वप्रथम बेसलाइन सर्वे के लाभुकों का सत्यापन कर तुरंत कार्य प्रारंभ करने, लगभग 32 हजार नये लाभुकों को जोड़ने का निर्देश दिया.
प्रतिदिन 1324 शौचालय बनाना है : निदेशक
स्वच्छ भारत के निदेशक राजेश शर्मा ने जिला की वर्तमान स्थिति एवं भविष्य के कार्यक्रमों की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए बताया कि जिला को शेष दो माह में ओडीएफ करने के लिए प्रतिदिन 1324 शौचालय बनाने की जरूरत है. इसके लिए 1500 राज मिस्त्रियों की आवश्यकता होगी. वर्तमान में प्रतिदिन 52 शौचालय निर्माण के तहत कार्य चल रहा है. निर्माण कार्य का एमआइएस इंट्री के संबंध में उन्होंने कहा निर्मित शौचालयों की मात्र 20 प्रतिशत की इंट्री हुई है.
इस पर ध्यान देने की जरूरत है. आवश्यकता के अनुसार कंप्यूटर ऑपरेटर लगायें. डाटा में फोटो अपलोड की स्थिति भी ठीक नहीं है. फोटोग्राफी व अपलोड कार्य के लिए स्वतंत्र स्थानीय लोगों की मदद ली जाये. इस कार्य के लिए मिशन की तरफ से 25 रुपये प्रति फोटो देय है. ग्राम स्तर पर प्रत्येक माह के दूसरे दिन स्वच्छता सभा हो, जिसमें सबकी भागीदारी रहे. उन्होंने पड़ोसी जिला से आने वाले राजमिस्त्रियों, स्वयं सहायता समूहों के आवास तथा भोजन आदि का प्रबंध करने को कहा. बैठक में उपायुक्त श्रवण साय, नेप निदेशक नयनतारा केरकेट्टा, निदेशक मुस्तकीम अंसारी, डीपीओ अरुण कुमार व डीटीओ विजय वर्मा सहित कई लोग थे.

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