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आज अपराजिताओं को सम्मानित करेगा प्रभात खबर
जमशेदपुर : अपने-अपने क्षेत्र में महारत हासिल करने वाली शहर की प्रतिभाओं को ‘प्रभात खबर’ शुक्रवार को सम्मानित करेगा. ये वैसी महिला शख्सियत होंगी, जिन पर शहर को नाज है. इसके लिए सिदगाेड़ा के बिरसा मुंडा टाउन हॉल में शाम छह बजे से अपराजिता सम्मान समारोह का आयोजन किया जायेगा. इसमें सिर्फ पास से ही […]
जमशेदपुर : अपने-अपने क्षेत्र में महारत हासिल करने वाली शहर की प्रतिभाओं को ‘प्रभात खबर’ शुक्रवार को सम्मानित करेगा. ये वैसी महिला शख्सियत होंगी, जिन पर शहर को नाज है. इसके लिए सिदगाेड़ा के बिरसा मुंडा टाउन हॉल में शाम छह बजे से अपराजिता सम्मान समारोह का आयोजन किया जायेगा. इसमें सिर्फ पास से ही प्रवेश मिलेगा.
कार्यक्रम में बॉलीवुड की सुप्रसिद्ध प्ले बैक सिंगर सुषमा श्रेष्ठ (पूर्णिमा) अपनी गायिकी से अतिथियों व श्रोताओं का मनोरंजन करेंगी. सुषमा ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड सिंगर के रूप में की थी. उन्होंने सबसे पहले जो गाना गाया, वह 1971 में आयी फिल्म अंदाज का ‘है ना बोलो-बोलो’ थी. इसके अलावा सुषमा का सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला गाना ‘तेरा मुझसे है पहले…, क्या हुआ तेरा वादा…, सोना कितना सोना है…, फिल्म अंजाम में गाया गाना चने के खेत में…, हीरो नंबर वन का मैं तो पैदल से जा रहा था…, चल मेरे भाई का आज कल की लड़कियां…, मासूम का गाना टुकुर-टुकुर देखते हो क्या… आदि शामिल है. उन्होंने नेपाली के कई गानों में भी अपनी आवाज दी है.
पार्किंग और इंट्री की यह होगी व्यवस्था : अपराजिता सम्मान समारोह के आयोजन को सुव्यवस्थित बनाने के लिए सिदगोड़ा टाउन हॉल की पार्किंग और इंट्री की व्यवस्था मुख्य द्वार की ओर ना होकर विद्यापति नगर की ओर से बने तोरण द्वार वाले मार्ग की ओर की गयी है. सोन मंडप की ओर का प्रवेश द्वार (सिदगोड़ा, रोड नंबर 28) आम दर्शकों के प्रवेश और पार्किंग के लिए बंद रहेगा. इसलिए स्ट्रेट माइल रोड से आने वाले दर्शक सीधे टाउन हॉल के लिए मुख्य सड़क पर बने तोरण द्वार (विद्यापति नगर की ओर से) से ही प्रवेश करें. पार्किंग की व्यवस्था इंट्री गेट के पास की खाली जगह में दोनों ओर की गयी है. आगंतुक वहां खड़े वोलेंटियर्स व सुरक्षाकर्मी के निर्देशों को पालन करने का कष्ट करें.
मो रफी के साथ नौ वर्ष की उम्र में गाया था पहला गाना : सुषमा श्रेष्ठ के पिता भोलानाथ म्यूजिक कंपोजर थे. सुषमा ने 11 साल की उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था, लेकिन इससे पहले ही नौ साल की उम्र में उन्होंने बतौर चाइल्ड सिंगर ‘है ना बोलो बोलाे…’ मो रफी और सुमन कल्याणपुरी के साथ गाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी थी. उन्होंने नौशाद, मदन मोहन, सी रामचंद्र, अनिल विश्वास, एसडी बर्मन, शंकर जयकिशन के साथ काम कर चुकी हैं. सुषमा ने ताल अहमद खां से गजल की तालीम ली है.
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