घाटशिला : अपने-अपने क्षेत्र में महारत हासिल करने वाली कोल्हान की प्रतिभाओं को ‘प्रभात खबर’ सम्मानित करने जा रहा है. ये वैसी महिला शख्सियत होंगी, जिन पर कोल्हान को नाज है. इसके लिए घाटशिला के मऊभंडार कॉपर क्लब में पांच मई को शाम छह बजे से समारोह का आयोजन होगा.
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अपराजिता सम्मान समारोह पांच को, प्रसिद्ध बॉलीवुड सिंगर सुषमा श्रेष्ठ करेंगी परफॉर्म
घाटशिला : अपने-अपने क्षेत्र में महारत हासिल करने वाली कोल्हान की प्रतिभाओं को ‘प्रभात खबर’ सम्मानित करने जा रहा है. ये वैसी महिला शख्सियत होंगी, जिन पर कोल्हान को नाज है. इसके लिए घाटशिला के मऊभंडार कॉपर क्लब में पांच मई को शाम छह बजे से समारोह का आयोजन होगा. वहीं, चार मई को सिदगाेड़ा […]
वहीं, चार मई को सिदगाेड़ा के बिरसा मुंडा टाउन हॉल में शाम छह बजे से और
चाईबासा के सिंहभूम स्पोर्ट्स एसोसिएशन ग्राउंड में छह मई को शाम छह बजे से अपराजिता सम्मान समारोह का आयोजन किया जायेगा. कार्यक्रम में सिर्फ पास से ही प्रवेश मिलेगा.
कार्यक्रम में बॉलीवुड की सुप्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर सुषमा श्रेष्ठ अपनी गायिकी से अतिथियों व श्रोताओं का मनोरजंन करेंगी.
सुषमा ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड सिंगर के रूप में की थी. उन्होंने सबसे पहले जो गाना गाया, वह 1971 में आयी फिल्म अंदाज का ‘है ना बोलो-बोलो’ थी. इसके अलावा सुषमा का सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला गाना ‘तेरा मुझसे है पहले…, क्या हुआ तेरा वादा…, सोना कितना सोना है…,
फिल्म अंजाम में गाया गाना चने के खेत में…, फिल्म क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता में गाया उनका गाना सुनो मियां सुनो…, दिलजले का शाम है धुंआ धुंआ…, हीरो नंबर वन का मैं तो पैदल से जा रहा था…, चल मेरे भाई का आज कल की लड़कियां…, 1995 में आयी फिल्म तू चोर मैं सिपाही का चल कर ले थोड़ा प्यार…, बोल राधा बोल का तू तू तू तारा…, मासूम का गाना टुकुर-टुकुर देखते हो क्या… आदि शामिल हैं. सुषमा श्रेष्ठ को एक बार फिल्म फेयर अवार्ड के लिए भी नॉमिनेट किया जा चुका है. उनके 10 से ज्यादा एलबम भी आ चुके हैं, जिसमें शगूफा, पतंगा, जाल, बादल,
जोगन आदि शामिल हैं. उन्होंने नेपाली के कई गानों में भी अपनी आवाज दी, जिसमें से सबसे पॉपुलर है 1980 में आयी नेपाली फिल्म सिंदूर का अली-अली हार हो गाना. इसके अलावा सुषमा श्रेष्ठ ने नेपाली फिल्म संतान में कहवां से आया राम लक्ष्मण… जिसमें उदित नारायण झा और दीपा नारायण झा ने बतौर को सिंगर के रूप में अपनी आवाज दी है.
यह फिल्म 1989 में आयी थी. इसके अलावा उन्होंने फिल्म तिलहारी में नीलो नीलो तायो आकाश… और फिल्म कन्यादान में भी गाना गाया है. सुषमा को 1998 में हीरो नंबर वन का गाना सोना कितना सोना… है के लिए बेस्ट फिमेल प्ले बैक सिंगर जी सिने अवार्ड मिला था. सुषमा श्रेष्ठ ने मराठी गानों में भी अपनी आवाज दी है. उन्होंने जूही चावला, माधुरी दीक्षित, करिश्मा कपूर, रवीना टंडन, काजोल, मधु, तब्बु, श्रीदेवी जैसी बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्रियों पर फिल्माये गये हिट गाने में अपनी आवाज दी है.
नौ साल की उम्र से गाने लगी थी सुषमा श्रेष्ठ
सुषमा श्रेष्ठ के पिता भोलानाथ म्यूजिक कंपोजर थे. सुषमा ने 11 साल की उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था, लेकिन इससे पहले ही नौ साल की उम्र में उन्होंने बतौर चाइल्ड सिंगर ‘है ना बोलो बोलाे…’ मो रफी और सुमन कल्याणपुरी के साथ गाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी थी. उन्होंने नौशाद, मदन मोहन, सी रामचंद्र, अनिल विश्वास, एसडी बर्मन, शंकर जयकिशन के साथ काम कर चुकी हैं. सुषमा ने ताल अहमद खां से गजल की तालीम ली है.
कार्यक्रम (घाटशिला)
दिनांक : 5 मई 2018
समय : शाम 6 बजे से
स्थान : मऊभंडार कॉपर क्लब, घाटशिला
अतिथि
विद्युत वरण महतो, सांसद, जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र
मेनका सरदार, विधायक पोटका विधान सभा क्षेत्र
लक्ष्मण टुडू, विधायक घाटशिला, विधान सभा क्षेत्र
कुणाल षाड़ंगी, विधायक बहरागोड़ा, विधान सभा क्षेत्र
अरविंद कुमार लाल, अनुमंडल पदाधिकारी, घाटशिला
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