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..तो मूल सरना आदिवासियों का अधिकार खत्म हो जायेगा

आदिवासियों की स्थिति को लेकर केंद्रीय सरना समिति की बैठक आदिवासी बनना चाहते हैं कुरमी, पर महाजुटान के दौरान मंच पर किसी आदिवासी आंदोलनकारी का चित्र तक नहीं रखा रांची : केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि एक ओर कुरमी आदिवासी बनना चाहते हैं, पर उन्होंने मोरहाबादी में महाजुटान के दौरान […]

आदिवासियों की स्थिति को लेकर केंद्रीय सरना समिति की बैठक

आदिवासी बनना चाहते हैं कुरमी, पर महाजुटान के दौरान मंच पर किसी आदिवासी आंदोलनकारी का चित्र तक नहीं रखा
रांची : केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि एक ओर कुरमी आदिवासी बनना चाहते हैं, पर उन्होंने मोरहाबादी में महाजुटान के दौरान मंच पर भगवान बिरसा मुंडा सहित किसी आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी या आंदोलनकारी का फोटो तक नहीं रखा़ इससे स्पष्ट है कि यदि उन्हें आदिवासी का दर्जा मिल गया, तो मूल सरना आदिवासियों का हक-अधिकार समाप्त हो जायेगा. धर्म-संस्कृति खत्म हो जायेगी. आदिवासी के नाम पर कुरमी हावी हो जायेंगे़ वे लाइन टैंक रोड स्थित प्रधान कार्यालय में आदिवासियों की स्थित पर आयोजित बैठक में बोल रहे थे़
कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि केंद्रीय सरना समिति आदिवासियों के हक-अधिकार व धर्म-संस्कृति की रक्षा की लड़ाई लगातार लड़ रही है़ जो भी इन्हें छीनने का प्रयास करेगा (चाहे वह कुरमी, तेली या ईसाई हो) उसका विरोध किया जायेगा. जगलाल पाहन ने कहा कि कुरमी-तेली व ईसाइयों का सरना धर्म-संस्कृति व परंपराओं से काेई मेल नहीं है. सभी राजनैतिक लाभ के लिए आदिवासी बनना चाहते है़ं आदिवासी वही है, जो इसके धर्म, संस्कृति, रीति-रिवाज व परंपराओं का पालन करता है़ बैठक में संजय तिर्की, नमित हेमरोम, राजेश मुंडा, आकाश मुंडा, विकास उरांव, अमनदीप मुंडा आदि मौजूद थे़

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