बेतिया: ‘मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. पत्नी और बच्चों का इसमें कोई दोष नहीं है. मैं इसका दोषी हूं. मेरे ऊपर कर्ज है. मैं कितना कमाऊं कि बड़ों व बच्चों का ख्याल रख सकूं. बच्चों को पढ़ा सकू. घर का खर्च चलाऊं. बीबी दूसरे के घर में काम करते-करते थक जाती है. उसका दुख देखा नहीं जाता है. देखकर शर्म आने लगती है. और क्या कहूं? घुट-घुट कर जी रहा था. मजबूरी है…..’
यह सुसाइड नोट है मुफस्सिल थाने के पूर्वी करगहिया गांव निवासी सुनील साह (40) का. जिसने सोमवार की दोपहर अपने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. यह घटना उस समय हुआ, जब सुनील की पत्नी भागमती देवी एसपी आवास पर काम करनेगयी थी और चारों बच्चे स्कूल गये थे. स्कूल से लौटने पर बच्चों ने घर में पिता का शव लटकता देख शोर मचाया तो लोग जुटे. पत्नी भागमती भी दौड़ते हुए घर आयी. मौके पर एसपी जयंतकांत भी तत्काल पहुंचे. एसपी ने बताया कि सुनील साह के शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
मृतक के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ है. इस मामले में मुफस्सिल पुलिस को अस्वभाविक मौत का मामला दर्ज कर अनुसंधान करने का निर्देश दिया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि सुनील साह मजदूरी करता था. जबकि उसकी पत्नी भागमती देवी एसपी आवास में दैनिक मजदूर है. सोमवार को भागमती देवी अपने बच्चों को स्कूल भेजकर स्वयं काम करने निकली थी. उसका पति सुनील साह एक सप्ताह से काम करने नहीं जा रहा था, वह घर पर ही था. दोपहर में बच्चे जब स्कूल से आये तो देखा कि उसके पिता फंदे से घर में लटके हुए है. बच्चे रोते हुए बाहर निकले तो ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठी हो गयी. ग्रामीणों की सूचना पर मृतक सुनील की पत्नी भागकर वापस अपने घर पहुंची.
मामले की जानकारी होते ही पुलिस अधीक्षक जयंतकांत व उनकी पत्नी स्मृति पासवान घटना स्थल पर पहुंची. तब तक मुफस्सिल थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार व नगर थानाध्यक्ष नित्यानंद चौहान भी वहां पहुंच गये थे. एसपी व उनकी पत्नी ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी. पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता देने का दिलासा दिया.
पत्नी व बच्चों को रो-रो कर बुरा हाल
सुनील साह की मौत के बाद पत्नी व बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है. ग्रामीणों ने बताया कि सुनील के चार बच्चे हैं. बड़ी बिटिया गुड़िया कक्षा छह में पढ़ती है. जबकि चंदन और ब्यूटी कक्षा चार के छात्र हैं. छोटा बेटा दिलखुश कक्षा एक में पढ़ता है.