बेंगलुरु : प्रमुख जापानी वाहन कंपनी होंडा का कहना है कि बिना स्पष्ट नीति के अभाव में भारत में पर्यावरण अनुकूल वाहन प्रौद्योगिकी पेश करना एक बड़ी चुनौती है. होंडा काॅर्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि हम (होंडा) ने घोषणा की है कि 2030 तक हमारा दो तिहाई उत्पादन गैर पारंपरिक होगा जिसमें ‘हाइब्रिड या प्लग इन या इलेक्ट्रिक’ वाहन हो सकते हैं. इसी सोच के अनुरूप हमारे पास सारी तकनीक उपलब्ध है. एचसीआईएल होंडा मोटर की पूर्ण अनुषंगी है.
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कंपनी का कहना है कि वह भारत में हाइब्रिड वाहनों की बिक्री केवल प्रदर्शन के रूप में करेगी, क्योंकि ऊंचे कराधान से संख्या पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है. कंपनी अपने होंडा एकोर्ड हाइब्रिड माॅडल को थाइलैंड से पूरी तरह बने बनाए या ‘सीबीयू’ के रूप में मंगवाती है. पिछले साल जीएसटी के कार्यान्वयन के बाद करों में बढ़ोतरी हुई तो कंपनी ने दाम बढ़ाए जिसका असर बिक्री पर पड़ा.
उन्होंने कहा कि कंपनी के लिए भारत में तकनीकी की उलपब्धता कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन जब तक स्पष्ट नीति नहीं होगी, कंपनी के लिए निश्चित योजना बनाना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि इस (नीतिगत ढांचे) के अलावा हमारे लिए यहां हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक तकनीक लाना कोई समस्या नहीं है, क्योंकि हम अन्य देशों में इसी तरह के कार्यक्रम चला रहे हैं.
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