सोल : उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने शुक्रवार को दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई-इन के साथ हुई शिखर वार्ता में कहा कि वह अगले महीने देश के परमाणु परीक्षण स्थल को बंद कर देंगे. मून के कार्यालय ने रविवार को यह जानकारी दी. मून के प्रवक्ता ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘किम ने शिखर वार्ता के दौरान कहा…कि वह मई में परमाणु परीक्षण स्थल को बंद करने के लिये काम करेंगे.”
यहां चर्चा कर दें कि हाल ही में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया का दौरा किया था. प्योंगयोंग की सरकारी मीडिया ने दोनों की शिखर वार्ता को एक नये युग की शुरुआत बताया है. उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी केसीएनए ने कहा कि ऐतिहासिक वार्ता ने राष्ट्रीय सुलह, एकता, शांति एवं समृद्धि के एक नये युग की शुरुआत की है.
किम बोले, अब और गलतियां नहीं करूंगा
कोरिया युद्ध के करीब 65 साल बाद उत्तर कोरियाई नेता की तौर पर शुक्रवार को दक्षिण कोरिया पहुंचे किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया. कहा पुरानी गलतियां अब और नहीं होगीं. उनका आशय परमाणु परीक्षणों पर रोक से था. उत्तर और दक्षिण कोरियाई नेताओं ने ऐतिहासिक शिखर बैठक के बाद विभाजित प्रायद्वीप में स्थायी शांति और पूर्ण निरस्त्रीकरण की दिशा में आगे बढ़ने का इरादा व्यक्त किया. दोनों देशों को विभाजित करनेवाली सैन्य विभाजक रेखा पर दोनों ने खुशमिजाजी और गर्मजोशी से मुलाकात की. उन्होंने परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप के साझा लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में घोषणा-पत्र भी जारी किया. दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते वक्त दोनों नेताओं ने एक दूसरे को बाहों में भर लिया. दोनों नेताओं के मिलन की गवाह पूरी दुनिया की मीडिया थी. दोनों ने ‘ नियमित बैठकों और सीधे फोन वार्ता’ पर भी सहमति जतायी. बैठक के बाद किम वापस लौट आये. वहीं दूसरी ओर चीन और अमेरिका सहित कई देशों ने इस पहल को सराहा.
18 साल में तीसरी बैठक
पूर्व में दोनों कोरिया के बीच वर्ष 2000 और 2007 में प्योंगयोंग में शिखर सम्मेलन हुआ था. समापन भी ऐसे ही सौहार्दपूर्ण रूप से हुआ था लेकिन नतीजा सिफर रहा. इस बार उ कोरिया के बातचीत के एजेंडे पहले ही तय था.
चीन ने की बैठक की सराहना
चीन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा ,‘हम कोरियाई नेताओं के ऐतिहासिक कदम राजनीतिक फैसले की सराहना करते हैं. उम्मीद है कोरियाई द्वीप में लंबे समय तक स्थिरता रखने के लिए इस नयी यात्रा को वे जारी रखेंगे.
भारत ने दोनों कोरियाई देशों के नेताओं की मुलाकात का स्वागत किया
भारत ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन के बीच हुई ऐतिहासिक मुलाकात का स्वागत किया है. भारत ने कहा कि वह कोरिया प्रायद्वीप में स्थायी शांति लाने के प्रयासों का समर्थन करता है. एक बयान में विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जतायी कि यह मुलाकात दोनों देशों के बीच तनाव को कम करेगा और स्थायी शांति तथा सुलह की राह तैयार करेगी.
तीन साल चले कोरियाई युद्ध में लाखों सैनिक मारे गये
25 जून, 1950 के दिन, उत्तर कोरिया ने ही दक्षिण कोरिया पर अचानक हमला बोल दिया. कोरियाई युद्ध शीतयुद्ध काल में लड़ा गया पहला महत्वपूर्ण युद्ध था. एक तरफ उत्तर कोरिया था जिसका समर्थन सोवियत संघ और चीन कर रहे थे, दूसरी तरफ दक्षिण कोरिया था जिसकी रक्षा अमेरिका कर रहा था. युद्ध अंत में बिना निर्णय ही खत्म हुआ लेकिन जन क्षति और तनाव बहुत बढ़ गया.
द कोरिया में भारी तबाही
तीन साल तक चले युद्ध में दक्षिण कोरिया को भारी हानि हुई . दक्षिण कोरिया में युद्ध से उसके 3,73,599 आम नागरिक और 1,37,899 सैनिक मारे गये. अमेरिका के एक सैन्य कमांडर ने अपनी स्वीकारोक्ति में बताया था कि हमने कोरिया की युद्ध में हर हिलती हुई वस्तु पर बम गिराया.
हम सुनिश्चित करेंगे कि अतीत में हुई वे गलतियां दोहरायी न जाएं, जिनमें अंतरकोरियाई समझौते शुरुआत के बाद ढह गये. हमारे रास्ते में प्रतिक्षेप , कठिनाइयां और निराशा आ सकती हैं, लेकिन पीड़ा के बिना जीत हासिल नहीं मिलेगी. पनमुंजम दिल तोड़नेवाले बंटवारे का प्रतीक है. यहां आकर मैं मैं बहुत भावुक हो रहा हूं.
किम जोंग उन, उत्तर कोरिया,नेता
परमाणु और मिसाइल परीक्षण पर पाबंदी की उत्तर कोरिया की घोषणा बेहद महत्वपूर्ण है. हम कोरियाई युद्ध के स्थायी समाधान की दिशा में प्रयास करेंगे. इसके सैन्य हल के बजाय शांतिपूर्ण संधि से इसे खत्म करने की दिशा में पहल की जायेगी. किम कोरियाई प्रायद्वीप में नये संबंधों के गवाह बनेंगे, यहां केवल दोस्ती होगी.
मून जेई इन, राष्ट्रपति, दक्षिण कोरिया